कोविड-19 के मद्देनजर कुछ आईपी प्रावधानों में ढील नहीं देने से वैश्विक वृद्धि प्रभावित होगी: भारत
By भाषा | Published: February 27, 2021 11:10 PM2021-02-27T23:10:19+5:302021-02-27T23:10:19+5:30
नयी दिल्ली, 27 फरवरी भारत ने शनिवार को कहा कि यदि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये बौद्धिक संपदा (आईपी) के कुछ प्रावधानों में ढील देने में असफल होते हैं, तो यह वैश्विक वृद्धि और लोगों के जीवनयापन को प्रभावित करेगा।
भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के चलते ट्रिप्स समझौते के चुनिंदा प्रावधानों के क्रियान्वयन से सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों को छूट देने का प्रस्ताव रखा था।
बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं पर समझौता (ट्रिप्स समझौता) जनवरी 1995 में प्रभावी हुआ है। यह बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों जैसे कि कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार रहस्यों के संरक्षण पर एक बहुपक्षीय समझौता है।
विश्व व्यापार संगठन में भारत के राजदूत एवं स्थायी प्रतिनिधि ब्रजेन्द्र नवनीत ने एशिया इकोनॉमिक डायलॉग में कहा, ‘‘यदि हम अगली एक या दो तिमाहियों में आईपी के चुनिंदा प्रावधानों में ढील के प्रस्ताव को पारित करने में विफल होते हैं तो इसका वैश्विक वृद्धि और लोगों के जीवन-यापन पर प्रतिकूल प्रभाव होगा।
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