NITI Aayog Meeting: कोयला और प्रमुख खनिजों पर रॉयल्टी बढ़ाने की मांग, जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि पांच साल बढ़ाई जाए, सीएम बघेल ने नीति आयोग की बैठक में कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2022 05:24 PM2022-08-07T17:24:16+5:302022-08-07T17:26:05+5:30
NITI Aayog Meeting: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोयला ब्लॉक कंपनियों से ‘अतिरिक्त कर’ के रूप में एकत्रित राशि का स्थानांतरण और नक्सलवाद के सफाए के लिए राज्य सरकार के व्यय किए 11,828 करोड़ रुपये की भरपाई करना राज्य की मांगे हैं।
नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को केंद्र से अपनी मांग दोहराई कि जीएसटी लागू करने से राजस्व में आई कमी के एवज में राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की अवधि पांच साल के लिए बढ़ाई जाए। उन्होंने छत्तीसगढ़ को कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों के बदले मिलने वाली रॉयल्टी की दरों में संशोधन की मांग भी रखी।
नीति आयोग की संचालन समिति की सातवीं बैठक को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोयला ब्लॉक कंपनियों से ‘अतिरिक्त कर’ के रूप में एकत्रित राशि का स्थानांतरण और नक्सलवाद के सफाए के लिए राज्य सरकार के व्यय किए 11,828 करोड़ रुपये की भरपाई करना राज्य की मांगे हैं।
Delhi | Prime Minister Narendra Modi interacts with chief ministers of various States during NITI Aayog's Governing Council meeting pic.twitter.com/7RnjMJ61os
— ANI (@ANI) August 7, 2022
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी बयान में बघेल के हवाले से कहा गया कि जीएसटी कर प्रणाली की वजह से राज्यों को राजस्व घाटा हुआ है। राज्य को अगले वर्ष होने वाले करीब 5,000 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र ने कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है लिहाजा जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान जून 2022 के बाद अगले पांच वर्ष के लिए जारी रहना चाहिए।
एक जुलाई 2017 को राष्ट्रव्यापी जीएसटी लागू होने पर राज्यों को क्षतिपूर्ति करने निर्णय लिया गया था जिसकी अवधि इस साल 30 जून को खत्म हो गई। गैर-भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़, केरल और राजस्थान पहले भी क्षतिपूर्ति की अवधि पांच साल बढ़ाने की मांग कर चुके हैं।
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार के तीन साल के बजट में केंद्रीय करों से 13,089 करोड़ रुपये कम मिले थे जिससे राज्य के संसाधनों पर दबाव बहुत बढ़ गया। उन्होंने कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों के लिए रॉयल्टी दरों में भी संशोधन का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने न्यू पेंशन योजना में जमा पर रिफंड जैसी राज्य सरकार की अन्य लंबित मांगों पर भी त्वरित कार्रवाई की मांग की।