ऑडिट नियामक एनएफआरए ने शुक्रवार को कहा कि 2017-18 के लिए जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के वैधानिक ऑडिट में गंभीर खामियां पायी गयी हैं। कंपनी को लेखा और लेखा मानकों का उल्लंघन करने वाले लेनदेन की वजह से वित्त वर्ष में कर पूर्व लाभ के बजाए 3,200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ होगा। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का वैधानिक लेखा ऑडिट राजेंद्र के गोयल एंड कंपनी ने किया था। शुक्रवार को जारी अपनी 207-पन्नों की ऑडिट क्वालिटी रिव्यू रिपोर्ट (एक्यूआरआर) में, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने खामियों को सूचीबद्ध किया है और कहा है कि ऑडिट कंपनी ऑडिटिंग से जुड़े विभिन्न मानकों और गुणवत्ता नियंत्रण (एसक्यूसी) संबंधी मानकों के प्रावधानों की आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रही है। एनएफआरए ने कहा, "स्वतंत्र लेखा परीक्षा रिपोर्ट के 'बेसिस ऑफ ओपिनियन' खंड में ऑडिट कंपनी की रिपोर्टिंग गलत और भ्रामक है।" नियामक ने कहा है कि उसकी आडिट गुणवत्ता समीक्षा रिपोर्ट में जिस लेनदेन की लेखा और लेखा परीक्षा मानकों के उल्लंघन के तौर पर पहचान की गई है, वह इस प्रकार के हैं कि सालाना वित्तीय लेखा वक्तव्य में दिखाया गया कर-पूर्व 351.71 करोड़ रुपये का मुनाफा 3,215.77 करोड़ रुपये के घाटे में बदल जाता। यह प्रभाव काफी अहम् और बड़े प्रसार वाला है। इसके परिणामस्वरूप एनएफआरए का कहना है कि आडिट कंपनी लेखा परीक्षा गुणवत्ता के तहत प्रतिकूल टिप्पणी के लिये नियमों में बंधी थी। एनएफआरए ने अन्य खामियों के बारे में बताया कि जेएएल के उसकी अनुषंगी कंपनियों, सहायक और संयुक्त उद्यमों में किये गये वित्तीय निवेश 6,894.02 करोड़ रुपये के बारे में लेखा मानकों के अनुरूप उचित मूल्यांकन नहीं किया गया।
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