ब्रॉडगेज मेट्रो भर देगी भारतीय रेलवे की झोली, फाइनल ड्राफ्ट तैयार, महामेट्रो ने भेजा बोर्ड के पास, जानें क्या है रूट
By आनंद शर्मा | Published: July 20, 2022 08:40 PM2022-07-20T20:40:52+5:302022-07-20T20:42:12+5:30
तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में 16 जुलाई 2018 को नागपुर में ब्रॉडगेज मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर रेलवे, महामेट्रो और राज्य सरकार के बीच एमओयू हुआ था.
नागपुर: आखिरकार चार साल बाद ब्रॉडगेज मेट्रो का खाका तैयार हो गया है. इस पर महामेट्रो और भारतीय रेलवे के बीच हस्ताक्षर होने की तारीख अब बेहद करीब है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर ब्रॉडगेज मेट्रो के फाइनल ड्राफ्ट में ऐसा क्या कुछ खास है.
लोकमत समाचार प्रतिनिधि ने जब इसकी पड़ताल की तो मालूम हुआ कि ब्रॉडगेज मेट्रो चलाने पर जितना लाभ महामेट्रो और यात्रियों को होगा, उससे कई अधिक फायदा भारतीय रेलवे को मिलने वाला है. ब्रॉडगेज मेट्रो भारतीय रेलवे की झोली भर देगी. आइये आपको विस्तार से बताते हैं ब्रॉडगेज मेट्रो प्रोजेक्ट के बारे में.
तत्कालीन रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में 16 जुलाई 2018 को नागपुर में ब्रॉडगेज मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर रेलवे, महामेट्रो और राज्य सरकार के बीच एमओयू हुआ था. इसके तहत नागपुर से वर्धा, नरखेड़, रामटेक और भंडारा के बीच भारतीय रेलवे की पटरी पर अत्याधुनिक ब्रॉडगेज मेट्रो चलाई जानी है.
418 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का डीपीआर अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी ने बनाया है. इस डीपीआर को राज्य सरकार और रेलवे बोर्ड ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. अब ब्रॉडगेज मेट्रो के कोच, राजस्व हिस्सेदारी, टिकट दर और कार्य की जवाबदेही आदि को लेकर अंतिम मसौदा तैयार हो गया है. इस पर हस्ताक्षर का इंतजार है.
वंदे भारत कोच की डिजाइन साैंपी
वंदे भारत ट्रेन के कोच की रेग्युलर मैन्यूफैक्चरिंग शुरू हो गई है. ब्रॉडगेज मेट्रो चलाने के लिहाज से रेलवे बोर्ड की ओर से वंदे भारत कोच की डिजाइन महामेट्रो को सौंप दी गई है. एमओयू के फाइनल ड्राफ्ट में भी ब्रॉडगेज मेट्रो के लिए वंदे भारत कोच महामेट्रो को देने का उल्लेख है. अब जब भी रेलवे बोर्ड और महामेट्रो के वरिष्ठ अधिकारी आपस में बैठेंगे वंदे भारत कोच की सप्लाई कैसे और कब से होगी? यह भी निर्णय हो जाएगा.
40 पैसे के बजाए 2 रु. प्रति किमी मिलेंगे रेलवे को
आमतौर पर भारतीय रेलवे को यात्री ट्रेन के किराए के रूप में प्रति किलोमीटर केवल 40 पैसे ही मिलते हैं. लेकिन एमओयू के फाइनल ड्राफ्ट के अनुसार महामेट्रो भारतीय रेलवे को इससे कहीं अधिक (हायर रेट) पर ब्रॉडगेज मेट्रो चलाने के लिए देगा यानी भारतीय रेलवे को 40 पैसा के बजाए प्रति किलो 1.5 से 2 रुपए मिलेंगे. इससे भारतीय रेलवे को काफी फायदा होगा.
केवल कमर्शियल वर्क देखेगा महामेट्रो
ब्रॉडगेज मेट्रो के परिचालन से संबंधित लगभग सभी काम भारतीय रेलवे की ओर से ही किए जाएंगे. एमओयू के फाइनल ड्रॉफ्ट के अनुसार ट्रेन, ट्रैक, सिग्नल और ऑपरेशन सबकुछ उनका ही होगा. महामेट्रो केवल कमर्शियल वर्क जैसे टिकट कलेक्शन, विज्ञापन, रेवेन्यू कलेक्शन आदि की जिम्मेदारी संभालेगा.
किसी भी दिन हो सकते हैं एमओयू पर हस्ताक्षर
एमओयू के इसी फाइनल ड्राफ्ट को महामट्रो ने 15-20 दिन पहले रेलवे बोर्ड में भेजा है. इस पर लगभग सहमति हो गई है और किसी भी वक्त एमओयू पर महामेट्रो व रेलवे बोर्ड की ओर से हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. वैसे भी पूर्व नियोजन के मुताबिक यह एमओयू जुलाई के पहले सप्ताह में ही हो जाना चाहिए था.ऐसे में इसके जुलाई अंत या अगस्त के पहले सप्ताह तक होने के कयाद लगाए जा रहे हैं.