त्योहारी मांग से बीते सप्ताह सरसों में सुधार; सीपीओ, सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट

By भाषा | Published: August 22, 2021 12:51 PM2021-08-22T12:51:41+5:302021-08-22T12:51:41+5:30

Mustard improves last week on festive demand; CPO, soybean oil prices fall | त्योहारी मांग से बीते सप्ताह सरसों में सुधार; सीपीओ, सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट

त्योहारी मांग से बीते सप्ताह सरसों में सुधार; सीपीओ, सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट

त्योहारी मांग के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला तेल कीमतों में सुधार का रुख रहा, जबकि आयात शुल्क में कमी किये जाने के बीच सीपीओ, पामेलीन और सोयाबीन तेल कीमतों के भाव नरमी दर्शाते बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह सरकार ने देश में खाद्य तेल की कमी की स्थिति को दूर करने के लिए सोयाबीन और सूरजमुखी के आयात शुल्क को 38.50 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत कर दिया। यह कमी 30 सितंबर तक के लिए की गई है क्योंकि अक्टूबर में सोयाबीन की अगली फसल आने की संभावना है जिसकी गुणवत्ता पहले के मुकाबले कहीं बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा देश में मुर्गी दाने और पशु आहार के लिए सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की मांग भी जोरों पर है, जिसे देखते हुए सरकार ने डीओसी के आयात को अनुमति प्रदान की है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोयाबीन की अगली फसल आने पर डीओसी की समस्या भी काफी कुछ दूर होगी। विशेषज्ञों ने कहा कि जिस अनुपात में शुल्क में कमी की गई है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आयात शुल्क में कमी का कोई विशेष फायदा उपभोक्ताओं और किसानों को नहीं मिल पाया है। सोयाबीन में जो कमी की गई है उसके हिसाब से सोयाबीन के भाव में प्रति किलो 7.5 रुपये की कमी होनी चाहिये थी लेकिन हाजिर मंडी में तेल के भाव में लगभग डेढ़ रुपये की ही कमी आई है। विशेषज्ञों की राय में आयात शुल्क में कमी का लाभ घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों को उतना नहीं मिला है जितना विदेशी तेल कंपनियों को मिल रहा है। वायदा कारोबार में भी अक्टूबर माह में डिलिवरी वाले सोयाबीन के अनुबंध (यानी अगली फसल के लिए वायदा कारोबार का भाव) की कीमत हाजिर कीमत से लगभग 32 प्रतिशत या 32-33 रुपये प्रति किलो कम है। हालांकि, यह भाव 30 सितंबर तक के लिए ही है और इसका मकसद त्योहारों के मौसम में घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कमी की स्थिति को समाप्त करना है। लेकिन इस कमी का असर विशेष रूप से सोयाबीन तेल, सीपीओ और पामोलीन कांडला पर दिखा जिससे इनके भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में हानि के साथ बंद हुए। सूत्रों ने कहा कि बिनौला तेल का भाव फिलहाल मूंगफली के बराबर या मामूली तेज चल रहा है। आमतौर पर मूंगफली तेल का भाव बिनौला से लगभग 20-30 रुपये किलो अधिक रहता था, लेकिन भाव बराबर होने से मूंगफली तेल की मांग बढ़ गई है जिससे मूंगफली तेल-तिलहन के भाव सुधार के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर के बाद पंजाब और हरियाणा में बिनौला की नयी फसल आने के बाद स्थिति में कुछ बदलाव हो सकता है। पिछले सप्ताह जयपुर के हाजिर बाजार में सरसों का भाव 7,950-7,975 रुपये क्विन्टल था जो इस माह बढ़कर 8,025 -8,100 रुपये क्विन्टल हो गया है जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और अधिभार अलग से लगता है। त्योहारों के मद्देनजर सरसों की भारी मांग है तथा जाड़े के मौसम में हरी सब्जियों के लिए सरसों की मांग और बढ़ने की उम्मीद है। इस स्थिति को देखते हुए सरसों तेल- तिलहन के भाव भी सुधार के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में कमी का असर सीपीओ और पामोलीन पर दिखा है जिनके भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले नरमी का रुख प्रदर्शित करते बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि किसानों को छोड़कर सहकारी संस्थाओं और व्यापारियों के पास सरसों का स्टॉक नहीं है। तेल पेराई मिलों के पास सरसों का थोड़ा बहुत स्टॉक है। ऐसे में छोटे किसानों के हित में आगामी बुवाई के मौसम के लिए बीज स्टॉक बनाने का इंतजाम हाफेड जैसी सहकारी संस्था के माध्यम से किया जाना चाहिये। बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 125 रुपये का लाभ दर्शाता 8,025-8,100 रुपये प्रति क्विन्टल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 7,975-8,025 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव 680 रुपये के सुधार के साथ समीक्षाधीन सप्ताहांत में 16,580 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी टिनों के भाव समीक्षाधीन सप्ताहांत में क्रमश: 5-5 रुपये सुधार के साथ क्रमश: 2,560-2,610 रुपये और 2,645-2,755 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए। सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी मांग के कारण सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 375 रुपये और 300 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 9,300-9,400 रुपये और 9,000-9,050 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। सोयाबीन डीगम के आयात शुल्क में की गई कमी के बाद समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दिल्ली (रिफाइंड) और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 100 रुपये और 150 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 15,100 रुपये और 13,650 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए। सोयाबीन इंदौर का भाव पूर्ववत बना रहा। समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली (तिलहन) 125 रुपये के सुधार के साथ 6,620-6,765 रुपये पर बंद हुआ, जबकि मूंगफली गुजरात 350 रुपये सुधार के साथ 15,100 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 55 रुपये सुधार के साथ 2,330-2,460 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। आयात शुल्क में कमी किये जाने की वजह से समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 170 रुपये घटकर 11,950 रुपये क्विन्टल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली के भाव पूर्ववत बने रहे जबकि पामोलीन कांडला तेल का भाव 100 रुपये की हानि दर्शाता 12,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बिनौला तेल की कीमत 100 रुपये सुधरकर 14,500 रुपये क्विन्टल हो गई।

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Web Title: Mustard improves last week on festive demand; CPO, soybean oil prices fall

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