एमएसएमई संगठन की कच्चे माल के बढ़ते दाम को लेकर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

By भाषा | Published: June 23, 2021 07:58 PM2021-06-23T19:58:04+5:302021-06-23T19:58:04+5:30

MSME organization's demand for intervention from the Prime Minister regarding the rising price of raw materials | एमएसएमई संगठन की कच्चे माल के बढ़ते दाम को लेकर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

एमएसएमई संगठन की कच्चे माल के बढ़ते दाम को लेकर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

नयी दिल्ली, 23 जून सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के संघों की प्रमुख संस्था एआईसीए ने बुधवार को इस्पात, लौह अयस्क, एल्यूमीनियम, तांबा, प्लास्टिक और कागज जैसे कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।

कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित एमएसएमई उद्योग ने हाल ही में आल इंडिया काउंसिल आफ एसोसियेसन आफ एमएसएमई (एआईसीए) का गठन किया है। इस परिषद में 170 के करीब उद्योग संघों ने हाथ मिलाया है।

प्रधानमंत्री को भेजे एक ज्ञापन में एआईसीए ने इस्पात, लौह अयस्क, एल्यूमीनियम, तांबा, प्लास्टिक्स, पीवीसी, कागज और रसायन जैसे कच्चे माल के दाम में भारी वृद्धि के चलते कार्यशील पूंजी में कमी और औद्योगिक इकाइयों के समक्ष खड़ी चुनौती का जिक्र किया है।

एआईसीए ने कहा है, ‘‘हमारा मानना है कि मौजूदा उतार चढ़ाव स्थिति का स्वरूप अस्थाई है। लेकिन यह एमएसएमई क्षेत्र के लिये स्थायी नुकसान का कारण बन सकती है। लॉकडाउन के दौरान मांग में कमी के बावजूद दाम बढ़ रहे हैं। खासतौर से इस्पात, लौह पिंड उद्योग 10 से 20 गुणा अधिक मुनाफा घोषित कर रहे हैं जबकि एमएसएमई उद्योग बंदी की कगार पर है। संगठन ने मौजूद संकट की स्थिति से निकलने के लिये आठ बिंदुओं का सुझाव दिया है। इसमें कुछ अवधि के लिये दाम बढ़ने से बचाव के उपाय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को जुर्माने अथवा काली सूची में डालने की कार्रवाई किये बिना एमएसएमई से आर्डर निरस्त होने को स्वीकार करने और एमएसएमई के लिये रियायती दाम पर कोट तय किये जाने जैसे उपाय शामिल हैं।

इसके साथ ही संगठन ने लागत और गुणवत्ता आवश्यकताओं के अनुरूप सभी इस्पात सामग्री के शून्य शुल्क पर आयात की अनुमति दिये जाने साथ ही डंपिंग रोधी शुल्क नहीं लगाने का भी सुझाव दिया है। इसके साथ ही लौह अयस्क और इस्पात उत्पादों के निर्यात पर रोक लगाने को कहा गया है।

संगठन ने कहा है कि सरकारी अनुबंध के तहत सार्वजनिक उपक्रमों को आपूर्ति करने वाले एमएसएमई को नई बोली के साथ मूल्य संशोधित करने की अनुमति दी जानी चाहिये। वहीं अंतिम रूप से स्वीकार हो चुकी सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों की आपूर्ति के मामले में उन्हें वृद्धि अनुबंध का इस्तेमाल करने और फिर से दाम बताने की अनुमति दी जानी चाहिये।

संगठन ने भेजे गये ज्ञापन में कहा है कि यदि एमएसएमई इसी तरह से कच्चे माल का दाम बढ़ने के कारण संकट में पड़ते चले गये तो उद्यमशीलता हतोत्साहित होगी और अंतत: इससे आत्मनिर्भर भारत के सरकार का लक्ष्य असफल साबित होगा।

संगठन की मुख्य टीम में कोयम्बटूर डिस्ट्रिक्ट स्माल इंडस्ट्रीज एसोसियेसन, सदर्न इंडिया इंजीनियरिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसियेसन और लुधियाणा हैंड टूल्स एसोसियेसन के अध्यक्ष शामिल हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: MSME organization's demand for intervention from the Prime Minister regarding the rising price of raw materials

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे