पेट्रोल पंप खोलने के नियम में मोदी सरकार ने किया बड़ा बदलाव, पेट्रोलियम क्षेत्र से बाहर की कंपनी भी खोल सकेंगी पंप
By भाषा | Published: October 23, 2019 08:18 PM2019-10-23T20:18:01+5:302019-10-23T20:18:01+5:30
नियमों में बदलाव करते हुये सरकार ने कहा है कि 250 करोड़ रुपये नेटवर्थ रखने वाली कंपनियां अब ईंधन के खुदरा कारोबार क्षेत्र में उतर सकती हैं।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल, डीजल के खुदरा कारोबार क्षेत्र के नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की है। अब ऐसी कंपनियों भी पेट्रोल पंप खोल सकेंगी जो पेट्रोलियम क्षेत्र में नहीं हैं। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से ईंधन के खुदरा कारोबार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे निजी और विदेशी कंपनियों को भी दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजार में उतरने की अनुमति होगी।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ईंधन के खुदरा कारोबार को पेट्रोलियम क्षेत्र से बाहर की कंपनियों के लिये खोलने से निवेश और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। देश में ईंधन के खुदरा कारोबार का लाइसेंस हासिल करने के अब तक के नियमों के तहत किसी भी कंपनी को हाइड्रोकार्बन खोज, उत्पादन, रिफाइनिंग, पाइपलाइन क्षेत्र या तरलीकृत गैस टर्मिनलों (एलएनजी) में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी शर्त रखी गई थी।
नियमों में बदलाव, इन कंपनियों को मिलेगा मौका
जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने वाहन ईंधन के विपणन का अधिकार देने संबंधी दिशानिर्देशों की समीक्षा को मंजूरी दे दी है। नियमों में बदलाव करते हुये सरकार ने कहा है कि 250 करोड़ रुपये नेटवर्थ रखने वाली कंपनियां अब ईंधन के खुदरा कारोबार क्षेत्र में उतर सकती हैं। इसके लिए शर्त यह होगी कि कम से कम पांच प्रतिशत पेट्रोल पंप ग्रामीण इलाकों में खोले जाएं।
जावड़ेकर ने कहा कि पेट्रोल पंप खोलने की इच्छुक कंपनियों को परिचालन शुरू करने के तीन साल के अंदर कम से कम एक नई पीढ़ी के वैकल्पिक ईंधन मसलन सीएनजी, एलएनजी, जैव ईधन या इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की सुविधा स्थापित करनी होगी। जावड़ेकर ने कहा कि नई नीति से अधिक निवेश आएगा और कारोबार सुगमता की स्थिति और बेहतर हो सकेगी।
इससे क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि और पेट्रोल पंप खोलने से प्रतिस्पर्धा की स्थिति बेहतर हो सकेगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं दी जा सकेंगी। सरकार ने आखिरी बार 2002 में ईंधन विपणन के नियम तय किए थे। अब इसकी समीक्षा एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर की जा रही है।
देश में इस समय करीब 65,000 पेट्रोल पंप परिचालन में हैं। इनका ज्यादातर स्वामित्व सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों... इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) के पास है। इस बाजार में निजी क्षेत्र की कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज, नायरा एनर्जी (पुराना नाम एस्सार आयल) और रॉयल डच शेल भी हैं लेकिन उनकी उपस्थिति सीमित है। दुनिया के सबसे बड़े पेट्रोलियम रिफाइनिंग परिसर का परिचालन करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रोल पंपों की संख्या 1,400 से भी कम है।