मोदी सरकार इस साल छह हजार कारोबारी नियम करेगी चेंज, जिससे बिजनेस करना हो जाएगा आसान, पीएम जता चुके हैं इरादा

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 7, 2021 02:29 PM2021-03-07T14:29:00+5:302021-03-07T14:30:33+5:30

विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए रफ्तार और बड़े पैमाने पर गतिविधियां बढ़ाने की जरूरत है। इससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 

modi government plans scrap reduce 6000 compliances businesses rules will end pm narendra modi $520 billion in India in next five years | मोदी सरकार इस साल छह हजार कारोबारी नियम करेगी चेंज, जिससे बिजनेस करना हो जाएगा आसान, पीएम जता चुके हैं इरादा

पीएलआई योजना के लिये अगले पांच साल के दौरान दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। (file photo)

Highlightsयोजना के अमल में आने से अगले पांच साल में उत्पादन में 520 अरब डालर की वृद्धि होगी।मोदी ने कहा कि 13 क्षेत्रों को पीएलआई योजना के दायरे में लाया गया है।पूरी दुनिया में भारतीय दवाओं और चिकित्सकों और उपकरणों के लिये विश्वास बढ़ा है।

नई दिल्लीः मोदी सरकार राज्य और केंद्र स्तर पर बिजनेस को और आसान बनाने जा रही है। इस साल सरकार 6000 से अधिक कारोबारी नियमों (कंप्लायंस यानी प्रोसेस) को हटा सकती है। 

केंद्र सरकार इसको लेकर गंभीर है। ये वो प्रोसेस हैं, जिनका अब बहुत ज्यादा मतलब नहीं है। सरकार हर चीज के लिए बार-बार फॉर्म भरने की प्रक्रिया को खत्म करना चाहती है। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम पर एक वेबिनार के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार का जोर देश के नागरिकों पर भरोसा कर आगे बढ़ने पर है।

रोजगार बढ़ेगाः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि इससे रोजगार बढ़ेगा। स्व नियामक, स्व सत्यापन और स्व प्रमाणीकरण पर जोर दिया जा रहा है। पीएम ने कहा कि सरकार बिजनेस में आसानी लाना चाहती है। इस तरह की चीजों को खत्म करना होगा। हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं। उद्योग से जड़े लोगों का सुझाव महत्वपूर्ण है। 

40 लाख करोड़ रुपये मूल्य की वृद्धि होने का अनुमान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विनिर्माण और निर्यात बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ साथ अगले पांच साल के दौरान उत्पादन में लगभग 520 अरब डॉलर यानी 40 लाख करोड़ रुपये मूल्य की वृद्धि होने का अनुमान है। 

अगले पांच साल के दौरान दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार घरेलू स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये सुधारों को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने उद्योगों से देश की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही विदेशों के लिये भी माल का उत्पादन करने को कहा। 2021- 22 के बजट में पीएलआई योजना के लिये अगले पांच साल के दौरान दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

कार्यबल का आकार बढ़कर दोगुना हो जायेगा

ऐसा अनुमान है कि योजना के तहत उत्पादन का औसतन पांच प्रतिशत प्रोत्साहन के तौर पर दिया जा रहा है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगले पांच साल के दौरान पीएलआई योजना से लगभग 520 अरब डॉलर यानी 40 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और होगा।’’

मोदी ने कहा कि इस योजना का लाभ उठाने वाले उद्योगों में, ऐसा अनुमान है कि मौजूदा कार्यबल का आकार बढ़कर दोगुना हो जायेगा और आगे भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार देश में लगातार कारोबार सुगमता बढ़ाने के लिये काम कर रही है और उनका अनुपालन बोझ कम कर रही है।

6- 7 सालों के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन

‘‘हमारा प्रयास (उद्योगोों के लिये) 6,000 से अधिक अनुपालनों को कम करने का है।’’ इसके साथ ही माल भाड़ा, परिवहन और दूसरे साजो सामान पर आने वाली लागत को कम करने के लिये भी कदम उठाये जा रहे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6- 7 सालों के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन देने के लिये विभिन्न स्तरों पर कई सफल प्रयास किये गये। उन्होंने इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने पर जोर दिया।

पहले की प्रोत्साहन योजनाओं और इस नई प्रोत्साहन योजना के बीच फर्क को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले के औद्योगिक प्रोत्साहन हमेशा के लिये खुले होते थे, ये उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर सब्सिडी उपलब्ध कराने वाले होते थे जबकि नई प्रोत्साहन योजना में इन लाभों को प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये लक्षित और प्रदर्शन आधारित बनाया गया है।

खाद्य प्रसंसकरण क्षेत्र से समूचे कृषि क्षेत्र को फायदा होगा

उन्होंने कहा, ‘‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से दूरसंचार, आटो, औषधि, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। पीएलआई योजना का मकसद देश के भीतर विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देना और निर्यात में तेजी लाना है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कपड़ा और खाद्य प्रसंसकरण क्षेत्र से समूचे कृषि क्षेत्र को फायदा होगा।

‘‘आटो और फार्मा क्षेत्र में पीएलआई योजना से वाहन कलपुर्जों, चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के लिये कच्चे माल के लिये विदेशों पर निर्भरता रह जायेगी। वहीं आधुनिक सेल बैटरियों, सौर पीवी माड्यूल और स्पेशियलिटी स्टील की मदद से देश में ऊर्जा क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया जा सकेगा।’’ मोदी ने कहा कि आईटी हार्डवेयर और दूरसंचार उपकरणों के विनिर्माण के लिये मंजूर की गई पीएलआई योजना से इन उद्योगों में उत्पादन में भारी वृद्धि होगी और घरेलू मूल्य वर्धन को बढ़वा मिलेगा।

विनिर्माण में भी पांच साल में ढाई लाख करोड़ रुपये की वृद्धि

उन्होंने कहा, ‘‘आईटी हाडर्वेयर क्षेत्र में चार साल में तीन लाख करोड़ रुपये का उत्पादन हासिल करने का अनुमान है वहीं घरेलू मूल्य वर्धन मौजूदा 5- 10 प्रतिशत से बढ़कर पांच साल में 20- 25 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा। इसी प्रकार दूरसंचार उपकरणों के विनिर्माण में भी पांच साल में ढाई लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हासिल होगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र से दो लाख करोड़ रुपये के निर्यात की स्थिति में होंगे।’’ दवा क्षेत्र के बारे में मोदी ने कहा कि पीएलआई योजना के तहत अगले पांच से छह साल के दौरान इसमें 15,000 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इससे औषधि क्षेत्र में तीन लाख करोड़ रुपये की बिक्री बढ़ेगी और दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात बढ़ेगा

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