रेल मंत्रालय को अनूपरक अनुदान मांगों के अनुमान को लेकर वास्तविक रुख अपनाने की जरूरत: कैग

By भाषा | Updated: November 29, 2021 21:54 IST2021-11-29T21:54:14+5:302021-11-29T21:54:14+5:30

Ministry of Railways needs to take a realistic stand on estimating the corresponding Demands for Grants: CAG | रेल मंत्रालय को अनूपरक अनुदान मांगों के अनुमान को लेकर वास्तविक रुख अपनाने की जरूरत: कैग

रेल मंत्रालय को अनूपरक अनुदान मांगों के अनुमान को लेकर वास्तविक रुख अपनाने की जरूरत: कैग

नयी दिल्ली, 29 नवंबर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सोमवार को कहा कि रेल मंत्रालय को अनुपूरक अनुदान मांगों को लेकर अधिक ‘वास्तविक’ रुख अपनाने की जरूरत है।

मार्च, 2020 में समाप्त वित्त वर्ष (2019-20) के लिए केंद्र सरकार के खातों की वित्तीय लेखा परीक्षा के अनुसार, रेल मंत्रालय के लिये 5,00,140.23 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

लोकसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘रेल मंत्रालय को अनुपूरक अनुदान के रूप में 817.51 करोड़ रुपये मिले थे। यह प्रावधान अनुदान स्तर पर अधिक व्यय के अनुमान पर आधारित था। हालांकि, अंतिम व्यय मूल प्रावधान से कहीं कम था।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘यह बताता है कि अद्यतन व्यय और अनुदान स्तर की जरूरत पर विचार करने के बाद अनूपरक मांगों को लेकर अधिक वास्तविक अनुमान रखने की जरूरत है।’’

कैग ने यह भी कहा कि मंत्रालय का बिना स्वीकृति वाला खर्च 4,999.87 करोड़ रुपये दर्ज किया गया और स्थिति में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारतीय रेलवे के स्वीकृत अनुमानों से अधिक व्यय, विस्तृत अनुमानों के बिना किए गए व्यय और विविध अधिक भुगतान आदि को क्षेत्रीय रेलवे प्रशासन की आपत्ति पुस्तकों में दर्ज किया गया है और इसे बिना मंजूरी वाले व्यय के रूप में माना जाता है।’’

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान बिना स्वाकृति वाला खर्च 4,999.87 करोड़ रुपये था...वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में इस प्रकार का खर्च 5,003 करोड़ रुपये था। यानी स्थिति में सुधार को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया।

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Web Title: Ministry of Railways needs to take a realistic stand on estimating the corresponding Demands for Grants: CAG

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