Meesho ने भारत में बंद किया अपना किराना कारोबार, 300 कर्मचारियों को काम से निकाला
By अनिल शर्मा | Published: August 27, 2022 10:27 AM2022-08-27T10:27:34+5:302022-08-27T10:48:05+5:30
रिपोर्ट के अनुसार, ज्यादातर शहरों में परिचालन बंद करने के स्टार्टअप के फैसले के पीछे का कारण कम राजस्व और उच्च नकदी खर्च को बताया गया है।
होमग्रोन सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो ने नागपुर और मैसूर को छोड़कर भारत के 90 प्रतिशत से अधिक शहरों में सुपरस्टोर नामक अपने किराना व्यवसाय को बंद कर दिया है। जिसके बाद सैकड़ों की तादात में नौकरियों चली गईं।
Inc42 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मीशो सुपरस्टोर के बंद होने के बाद करीब 300 कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। कंपनी ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। गौरतलब है कि सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने पहले महामारी की पहली लहर में 200 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की थी।
रिपोर्ट के अनुसार, "ज्यादातर शहरों में परिचालन बंद करने के स्टार्टअप के फैसले के पीछे का कारण कम राजस्व और उच्च नकदी खर्च को बताया गया है।" मीशो सुपरस्टोर छह राज्यों - कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में चल रहा था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मीशो ने नौकरी से निकाले गए लोगों को अलग पैकेज के रूप में दो महीने का वेतन देने की पेशकश की है।मीशो के संस्थापक और सीईओ विदित आत्रे ने कहा था कि कंपनी मीशो सुपरस्टोर को अपने मुख्य ऐप के साथ एकीकृत करना चाहती है।
ऑनलाइन किराने की खरीदारी को किफायती बनाने के लिए मीशो ने कर्नाटक में एक पायलट लॉन्च किया और कंपनी का लक्ष्य 2022 के अंत तक 12 राज्यों में सुपरस्टोर उपलब्ध कराना है।
मीशो मार्केटप्लेस छोटे व्यवसायों को प्रदान करता है, जिसमें छोटे और मध्यम व्यवसाय (एसएमबी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और व्यक्तिगत उद्यमी, 700 से अधिक श्रेणियों के लाखों ग्राहकों तक पहुंच, अखिल भारतीय रसद, भुगतान सेवाएं और ग्राहक सहायता क्षमता शामिल हैं।
मीशो हाल ही में 10 करोड़ ट्रांजैक्शन करने वाले यूजर्स तक पहुंच गया है। कंपनी ने दावा किया कि मार्च 2021 के बाद से, प्लेटफॉर्म पर लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ता आधार में 5.5 गुना वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि के दौरान वर्गीकरण 9X से बढ़कर 72 मिलियन हो गया है।