Market value: टीसीएस, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और एलआईसी ने किया धमाल, 171309.28 करोड़ रुपये जोड़े, छह कंपनियों ने खोए 78,127.48 करोड़ रुपये
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 7, 2024 06:29 PM2024-04-07T18:29:23+5:302024-04-07T18:30:24+5:30
Market value: बीएसई सेंसेक्स 596.87 अंक या 0.81 फीसदी चढ़ा। सूचकांक चार अप्रैल को 74,501.73 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
Market value: देश की शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में चार ने पिछले सप्ताह अपने बाजार मूल्यांकन में 1,71,309.28 करोड़ रुपये जोड़े। इनमें एचडीएफसी बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को सबसे अधिक लाभ हुआ। दूसरी ओर, शीर्ष 10 कंपनियों के समूह में छह कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 78,127.48 करोड़ रुपये घट गया। इनमें सबसे अधिक नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स 596.87 अंक या 0.81 फीसदी चढ़ा। सूचकांक चार अप्रैल को 74,501.73 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
शीर्ष 10 कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी को लाभ हुआ। दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, इंफोसिस, आईटीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर को नुकसान उठाना पड़ा। एचडीएफसी बैंक का बाजार मूल्यांकन 76,880.74 करोड़ रुपये बढ़कर 11,77,065.34 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
एलआईसी ने 49,208.48 करोड़ रुपये जोड़े, जिससे उसका मूल्यांकन 6,27,692.77 करोड़ रुपये हो गया। टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 34,733.64 करोड़ रुपये बढ़कर 14,39,836.02 करोड़ रुपये और भारतीय स्टेट बैंक का बाजार पूंजीकरण 10,486.42 करोड़ रुपये बढ़कर 6,82,152.71 करोड़ रुपये हो गया।
दूसरी ओर बीते सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 38,462.95 करोड़ रुपये घटकर 19,75,547.68 करोड़ रुपये रह गया। इसके अलावा भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस और आईटीसी को भी बाजार मूल्यांकन में गिरावट का सामना करना पड़ा।
बाजार मूल्यांकन के हिसाब से रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे मूल्यवान घरेलू कंपनी रही। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, भारती एयरटेल और एलआईसी का स्थान रहा।
एफपीआई ने अप्रैल में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 325 करोड़ रुपये निकाले
शेयर बाजारों में उच्च मूल्यांकन और आम चुनावों के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सतर्क हो गए हैं, और उन्होंने इस महीने के पहले सप्ताह में बाजार से 325 करोड़ रुपये निकाले। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में 35,000 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का निवेश करने के बाद एफपीआई ने शुद्ध निकासी की।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल बढ़कर 4.4 प्रतिशत हो गया है, जिससे निकट अवधि में भारत में एफपीआई निवेश प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि उच्च अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के बावजूद एफपीआई की बिक्री सीमित रहेगी, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार में तेजी है।
और यह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। कैपिटलमाइंड के वरिष्ठ शोध विश्लेषक कृष्णा अप्पाला ने कहा कि आम चुनाव के बाद या अमेरिकी फेडरल रिजर्व से ब्याज दर में कटौती के शुरुआती संकेत मिलने पर एफपीआई वापस लौट सकते हैं।