कोविड-19 महामारी के प्रकोप और बढ़ती लागत के कारण मांग प्रभावित होने के चलते भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में अगस्त 2021 के दौरान सुस्ती देखने को मिली। मौसमी रूप से समायोजित आईएचएस मार्किट भारत विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अगस्त में 52.3 पर रहा, जो जुलाई में 55.3 पर था। इससे विनिर्माण गतिविधियों में नरमी का संकेत मिलता है। हालांकि, अगस्त पीएमआई के आंकड़ें लगातार दूसरे महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार की ओर इशारा करते हैं। पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का अर्थ है कि गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि 50 से कम अंक संकुचन को दर्शाता है। आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र की संयुक्त निदेशक पोलीन्ना डी लीमा ने कहा, ‘‘अगस्त में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में सुधार जारी रहा, लेकिन वृद्धि की रफ्तार घट गई, क्योंकि महामारी के कारण मांग में कमी के कुछ संकेत देखने को मिले।’’ लीमा ने कहा कि वृद्धि संभावनाओं के बारे में अनिश्चितता और खर्चों पर लगाम लगाने की कोशिश के चलते अगस्त में रोजगार की स्थिति प्रभावित हुई।
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