महाराष्ट्र आबकारी विभागः 20.15 करोड़ के राजस्व और 70.22 करोड़ रुपये के ब्याज का नुकसान?, कैग रिपोर्ट में खुलासा, विफलता के कारण 1.20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 19, 2025 11:06 IST2025-07-19T11:05:41+5:302025-07-19T11:06:49+5:30
Maharashtra Excise Department: आयातित विदेशी शराब की खरीद लागत में त्रुटियों के कारण अगस्त 2018 से मार्च 2022 के बीच 11.48 करोड़ रुपये और मई 2017 से मार्च 2022 के बीच 2.89 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह नहीं हो पाया।

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मुंबईः भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि महाराष्ट्र राज्य आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियों के कारण राजस्व को काफी नुकसान हुआ है। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क के गलत आकलन के कारण राज्य को 20.15 करोड़ रुपये के राजस्व और 70.22 करोड़ रुपये के ब्याज का नुकसान हुआ।
‘ऑडिट’ में कहा गया है कि पर्यवेक्षण शुल्क की संशोधित दरों को लागू करने में विफलता के कारण 1.20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमी आई है। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन आबकारी आयुक्त ने राज्य सरकार से पूर्व अनुमोदन प्राप्त किए बिना बीयर के पुराने भंडार पर उत्पाद शुल्क में छूट दे दी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रासायनिक विश्लेषण के लिए ‘माइल्ड बीयर’ के नमूने देरी से जमा करने के कारण 73.18 करोड़ रुपये की कर वसूली बाधित हुई। कैग ने कहा, "बंबई मद्य निषेध (विशेष शुल्क) नियम, 1954 के तहत साझेदारी में बदलाव के लिए शुल्क लेने का प्रावधान है।
हालांकि, सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों की शेयरधारिता में महत्वपूर्ण बदलावों पर ऐसा कोई प्रावधान लागू नहीं किया गया जिसके परिणामस्वरूप राज्य को 26.93 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।" रिपोर्ट में कहा गया है कि आबकारी अधिनियम में उत्पादन लागत घोषित करने का प्रावधान न होने से सरकार ने अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने का अवसर भी खो दिया।
ऑडिट में कहा गया है कि ‘कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट’ (सीएसडी) के मामले में, 11 उत्पादों या ब्रांड की उत्पादन लागत का कम मूल्यांकन किया गया, जिससे उत्पाद शुल्क में 38.34 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
इसके अतिरिक्त, आयातित विदेशी शराब की खरीद लागत में त्रुटियों के कारण अगस्त 2018 से मार्च 2022 के बीच 11.48 करोड़ रुपये और मई 2017 से मार्च 2022 के बीच 2.89 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह नहीं हो पाया। कैग ने कहा कि इन खामियों के कुल मिलाकर सरकार को भारी राजस्व हानि हुई, जिससे आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंताएं पैदा हुईं।