जम्मू-कश्मीर: वैष्णो देवी की यात्रा में वृद्धि खुशी तो नहीं दे पाई पर आंकड़ों ने चेहरे पर मुस्कान जरूर ला दी
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 2, 2024 04:07 PM2024-01-02T16:07:23+5:302024-01-02T16:07:36+5:30
वर्ष 2011 में वैष्णो देवी की यात्रा में 1.01 करोड़ तथा 2012 में 1.04 करोड़ श्रद्धालुओं ने शामिल होकर नया रिकार्ड बनाया था। जानकारी के लिए वर्ष 1950 के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रतिवर्ष इस यात्रा में 3000 लोग ही शामिल हुआ करते थे।
श्रीनगर: वैष्णो देवी की यात्रा में इस बार वृद्धि हुई है। वृद्धि ज्यादा अधिक तो नहीं है लेकिन इसने श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के साथ ही कटड़ा के व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान जरूर ला दी है। हालांकि, मामूली वृद्धि वो खुशी नहीं दे पाई है जिसकी चाहत सभी को थी।
दस साल के बाद जारी वर्ष में वैष्णो देवी की यात्रा में नया रिकार्ड कायम हुआ है।
वर्ष 2023 में 95.20 लाख श्रद्धालु आए हैं। जबकि वर्ष 2022 में 93.23 लाख। अर्थात वष्र 2023 में 1.97 लाख की मामूली वृद्धि हुई है। आस एक करोड़ श्रद्धालुओं के आने की थी। इतना जरूर था कि वर्ष 2023 में आने वालों ने वर्ष 2013 का रिकार्ड 26 दिसम्बर को ही तोड़ दिया था जब 93.24 लाख श्रद्धालु आए थे।
वहीं, वर्ष 2016 में यात्रा का आंकड़ा 7723721 रहा था। लेकिन वर्ष 2023 में कश्मीर में शांति के लौट आने के दावों के बावजूद बेखौफ श्रद्धालु लगातार वैष्णो देवी भवन पहुंचते रहे पर वह कोई नया रिकार्ड स्थापित नहीं कर पाए और न ही वे वर्ष 2012 का रिकार्ड तोड़ पाए जब 1.04 करोड़ श्रद्धालु आए थे।
वर्ष 2022 के मुकाबले साल 2023 में करीब 1.97 लाख अधिक श्रद्धालु ही वैष्णो देवी भवन पहुंचे हैं। नववर्ष के आगमन को लेकर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को लेकर प्रदेश के उपराज्यपाल व श्राइन बोर्ड के चेयरमैन मनोज सिन्हा ने श्राइन बोर्ड अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे श्रद्धालुओं के लिए बिजली, पानी के साथ ही भवन तथा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवा और अन्य प्रकार की सभी सुविधाएं सुनिश्चित करें, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
स्पष्ट शब्दों में कहें तो पिछले कई सालों से वैष्णो देवी आने वालों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही थी। हालांकि नार्मल रूटीन में 20 से 25 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन वैष्णो देवी की यात्रा में शामिल होते रहे हैं पर यह आंकड़ा न ही श्राइन बोर्ड को खुशी दे पा रहा था और न ही उन लोगों को जिनकी रोजी रोटी यात्रा से जुड़ी हुई है।
यात्रा में कमी आने से न सिर्फ कटड़ा के व्यापारी ही प्रभावित हुए हैं बल्कि जम्मू के व्यापारियों का भी तेल निकल रहा था। और सर्दियों में यह आंकड़ा घट कर 8 से 10 हजार तक ही पहुंच जाता रहा है।
वर्ष 2011 में वैष्णो देवी की यात्रा में 1.01 करोड़ तथा 2012 में 1.04 करोड़ श्रद्धालुओं ने शामिल होकर नया रिकार्ड बनाया था। जानकारी के लिए वर्ष 1950 के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रतिवर्ष इस यात्रा में 3000 लोग ही शामिल हुआ करते थे।
हालांकि इस बार श्राइन बोर्ड को उम्मीद थी कि यात्रा सवा करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी पर अब उसे इतनी वृद्धि से ही संतोष करना पड़ रहा है।