जम्मू कश्मीरः 3400 अरब लिथियम, 59 लाख टन का भंडार, रियासी के सलाल डैम एरिया के पहाड़ों में, जानें किस काम आता है...

By सुरेश एस डुग्गर | Published: February 10, 2023 07:29 PM2023-02-10T19:29:47+5:302023-02-10T19:31:51+5:30

59 लाख टन है और आज के बाजार भाव के मुताबिक इसकी कीमत 3400 अरब रुपया है। यह सच है कि भारत में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है।

Jammu and Kashmir Lithium 59 lakh ton reserves 3400 billion lithium found mountains Salal Dam area Reasi know what useful | जम्मू कश्मीरः 3400 अरब लिथियम, 59 लाख टन का भंडार, रियासी के सलाल डैम एरिया के पहाड़ों में, जानें किस काम आता है...

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की मेहनत का ही परिणाम है।

Highlightsअरबों रुपये की वैल्यू वाले इस लिथियम भंडार से देश को कई फायदे हो सकते हैं।रियासी जिले में ये भंडार कई महीनों की मेहनत के बाद खोज निकाला गया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की मेहनत का ही परिणाम है।

जम्मूः जम्मू कश्मीर के लोगों की बल्ले बल्ले हो गई है क्योंकि जिस बेशकिमती धातु लिथियम को पाने के लिए रूस ने यूक्रेन पर हमला किया वह लाखों टन तादाद में अपने ही प्रदेश यानि जम्मू कश्मीर में महली है। यह जम्मू संभाग के रियासी जिले के सलाल डैम के एरिया के पहाड़ों में मिली है।

अनुमानत यह 59 लाख टन है और आज के बाजार भाव के मुताबिक इसकी कीमत 3400 अरब रुपया है। यह सच है कि भारत में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। अरबों रुपये की वैल्यू वाले इस लिथियम भंडार से देश को कई फायदे हो सकते हैं।

जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में ये भंडार कई महीनों की मेहनत के बाद खोज निकाला गया है और यह भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग की मेहनत का ही परिणाम है। बताया जाता है कि यह लिथियम जम्मू कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना से मिला है। माना जा रहा है कि, रियासी जिले में अब इसका भंडार मिलने के बाद देश की आयात पर निर्भरता कम होगी। 

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार प्रदेश के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन स्थापित किए हैं। बता दें कि, लिथियम एक अलौह धातु है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री बनाने के लिए होता है।

इसके साथ ही इसका इस्तेमाल खिलौनों और घड़ियों को बनाने में भी किया जाता है। इस वक़्त भारत लिथियम के लिए पूरी तरह अन्य देशों पर निर्भर है।  अभी तक भारत लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे कई महत्वपूर्ण मेटल का आयात करता है।

जम्मू और कश्मीर में लिथियम भंडार की नई खोज के साथ, बैटरी और ईवी निर्माताओं को आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। स्थानीय लिथियम का भंडार देश में बैटरी की कीमत कम करने में मदद करेगा, जिससे आगे चलकर ईवी की कीमत में कमी देखने को मिलेगी।

जानकारी के लिए एक टन लिथियम की भारतीय रुपये में कीमत 57.36 लाख रुपये होती है। भारत में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला है। यानी इसकी वैल्यू आज के वक्त में 33,84,31,021 लाख रुपये (3,384 अरब रुपये) होगी। ये कीमत आज के रेट पर है। ग्लोबल मार्केट के साथ इसकी कीमत हर वक्त बदलती रहती है।

लिथियम प्रोडक्शन के मामले में ऑस्ट्रेलिया सबसे ऊपर है। साल 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर का 52 परसेंट लिथियम ऑस्ट्रेलिया पैदा करता है। दूसरे नंबर पर चिली है, जिसकी हिस्सेदारी 24.5 परसेंट है। तीसरे नंबर पर चीन है, जो 13.2 परसेंट लिथियम पैदा करता है। ये तीन देश ही दुनियाभर का 90 परसेंट लिथियम पैदा करते हैं1

Web Title: Jammu and Kashmir Lithium 59 lakh ton reserves 3400 billion lithium found mountains Salal Dam area Reasi know what useful

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