रूस से खरीद की आलोचना के बीच अमेरिका से 11% तक बढ़ सकता है भारत का तेल आयात: रिपोर्ट
By मनाली रस्तोगी | Published: March 19, 2022 03:54 PM2022-03-19T15:54:37+5:302022-03-19T15:57:07+5:30
अमेरिका से जारी वर्ष में तेल आयात लगभग 11 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। बता दें कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद तेल की कीमतों में उछाल हुआ है, जिसकी वजह है भारतीय मुद्रास्फीति, सार्वजनिक वित्त को बढ़ावा मिला है और विकास को नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली: इस साल अमेरिका से भारत का तेल आयात 11 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि गंभीर रूप से ऊर्जा की कमी वाला देश दुनिया भर में उत्पादकों से आपूर्ति सुरक्षित करना चाहता है, जिसमें कड़े प्रतिबंध झेल रहा रूस भी शामिल है। सूत्रों द्वारा यह जानकारी दी गई है। बता दें कि पिछले महीने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद तेल की कीमतों में उछाल ने भारतीय मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने, सार्वजनिक वित्त को बढ़ाने और विकास को नुकसान पहुंचाने का खतरा पैदा कर दिया है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन में जंग जारी है। इस बीच रूस के साथ लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों के लिए भारत को पश्चिमी देशों से भारत को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, कुछ देशों का मानना है कि रूस के साथ व्यापार करने से उसके युद्ध को निधि देने में मदद मिलेगी। वहीं, भारत ने यूक्रेन में हिंसा को समाप्त करने का आग्रह किया है लेकिन रूस के खिलाफ मतदान से परहेज किया है। एक सरकारी अधिकारी ने रायटर्स को बताया कि भारत अपना अधिकांश तेल मध्य पूर्व से खरीदता है, लेकिन अमेरिका चौथे सबसे बड़े स्रोत के रूप में उभरा है, और इस साल आपूर्ति में काफी वृद्धि होगी।
सरकारी अधिकारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि इराक भारत के तेल का 23 प्रतिशत, सऊदी अरब 18 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात 11 प्रतिशत तेल की आपूर्ति करता है। हालांकि, इस साल भारतीय बाजार में अमेरिकी हिस्सेदारी बढ़कर 8 फीसदी हो जाएगी। रूस भारतीय बाजार में एक मामूली खिलाड़ी रहा है, लेकिन 24 फरवरी के आक्रमण के बाद से अमेरिका और अन्य देशों द्वारा लगाए गए व्यापक प्रतिबंधों के झटके को कम करने के लिए रियायती तेल की पेशकश कर रहा है।
देश की शीर्ष रिफाइनर इंडियन ऑयल कॉर्प ने हाल ही में एक टेंडर के जरिए 30 लाख बैरल रूसी तेल का ऑर्डर दिया था, जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प ने मई लोडिंग के लिए 20 लाख बैरल बुक किया है। वहीं एक अन्य अधिकारी का कहना है कि यूरोपीय देश रूसी तेल और गैस का आयात जारी रखते हैं और भारत को भी ऐसा करने से नहीं रोका जा सकता है।