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देश के जीडीपी में सितंबर तिमाही में 9.5 प्रतिशत की आ सकती है गिरावट: इक्रा

By भाषा | Updated: November 19, 2020 17:43 IST

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मुंबई, 19 नवंबर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। यह पहली तिमाही अप्रैल-जून में 23.9 प्रतिशत प्रतिशत की गिरावट की तुलना में कम है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में यह कहा।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े 27 नवंबर को जारी करेगा।

इक्रा के अनुसार सालाना आधार पर जीडीपी (2011-12 के स्थिर मूल्य पर) में 2020-21 की दूसरी तिमाही में गिरावट पहली तिमाही के मुकाबले घटकर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में इसमें 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। गिरावट में कमी का कारण कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से अर्थव्यवस्था का धीरे-धीरे पुनरूद्धार के रास्ते पर वापस आना है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि स्थिर मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में गिरावट 8.5 प्रतिशत अनुमानित है जबकि पहली तिमाही में इसमें 22.8 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

इक्रा की रिपार्ट के अनुसार जीवीए में गिरावट में कमी का कारण उद्योग, विनिर्माण और निर्माण तथा सेवा क्षेत्रों में पहली तिमाही के मुकाबले सुधार है।

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उद्योग में 9.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है जो पहली तिमाही मे 38.1 प्रतिशत थी। विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार से जीवीए में गिरावट कम हुई है। सेवा क्षेत्रों में 10.2 प्रतिशत गिरावट अनुमानित है जबकि पहली तिमाही में इसमें 20.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में औद्योगिक जीवीए के प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार होने की संभावना है।

विनिर्माण से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में सितंबर तिमाही में मांग और मात्रा में सुधार दर्ज किये गये। हालांकि प्रदर्शन असंतुलित रहे हैं।

नायर के अनुसार विनिर्माण जीवीए में गिरावट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में करीब 10 प्रतिशत हने का अनुमान है जबकि पहली तिमाही में इसमें 39.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में असंगठित क्षेत्र का प्रदर्शन अभी साफ नहीं है और यह संभव है कि जीडीपी आंकड़े में इस क्षेत्र के प्रदर्शन की स्थिति पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं हो। इसका कारण आकलन के स्तर पर कमी का होना है।’’

इक्रा का अनुमान है कि निर्माण जीवीए में गिरावट कम होकर दूसरी तिमाही में 12 प्रतिशत रह सकती है जो पहली तिमाही में 50.3 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट के अनुसर व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवाओं से संबद्ध जीवीए में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में करीब 25 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है जबकि पहली तिमाही अप्रैल-जून में इसमें 47 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।

रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में सरकारी खर्च में वृद्धि ने ‘लॉकडाउन’ तिमाही में जीडीपी में बड़ी गिरावट को थामा है।

नायर के अनुसार कृषि, वानिकी और मत्स्यन क्षेत्र में जीवीए वृद्धि दूसरी तिमाही में 3 प्रतिशत रह सकती है। इसका कारण खरीफ फसल का अच्छा होना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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