Fiscal Deficit: संशोधित अनुमान के मुकाबले कम रहा राजकोषीय घाटा, FY22 में हुआ 6.7 प्रतिशत
By मनाली रस्तोगी | Published: May 31, 2022 05:57 PM2022-05-31T17:57:39+5:302022-05-31T18:00:49+5:30
पिछले साल के बजट में केंद्र ने शुरुआत में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इस बीच 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 प्रतिशत था।
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत का राजकोषीय घाटा 15.87 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.71 प्रतिशत रहा। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि यह संशोधित बजट अनुमानों में वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमानित 6.9 प्रतिशत से कम है। लेखा महानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 में सरकार का राजकोषीय घाटा 74,846 करोड़ रुपये या पूरे साल के लक्ष्य का 4.5 प्रतिशत था।
पिछले साल के बजट में केंद्र ने शुरुआत में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। इस बीच 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 प्रतिशत था। 2022-23 के बजट में सरकार ने अपने अनुमानों को संशोधित किया और मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 6.9 प्रतिशत या 15,91,089 करोड़ रुपये के उच्च राजकोषीय घाटे की भविष्यवाणी की। घाटा वास्तविक वित्तीय घाटे 15.87 लाख करोड़ रुपये से 4,552 करोड़ रुपये कम है।
इस बीच, 31 मार्च 2022 को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मुख्य रूप से उच्च व्यय के कारण फरवरी 2022 के अंत में केंद्र का राजकोषीय घाटा पूरे साल के बजट लक्ष्य का 82.7 प्रतिशत था। पिछले वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटा या व्यय और राजस्व के बीच का अंतर 2020-21 के संशोधित अनुमान (आरई) का 76 प्रतिशत था। लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वास्तविक रूप में घाटा इस साल फरवरी के अंत में 13,16,595 करोड़ रुपये था।
केंद्र सरकार की कुल प्राप्तियां 18.27 लाख करोड़ रुपये या बजट 2021-22 के आरई के 83.9 प्रति थी। यह इसी अवधि में 2020-21 के आरई का 88.2 प्रतिशत था।