नहीं लग रहा है पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने पर ब्रेक, लगातार तीसरे दिन बढ़े दाम
By रामदीप मिश्रा | Published: May 16, 2018 11:19 AM2018-05-16T11:19:02+5:302018-05-16T11:19:02+5:30
दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल 15 पैसे मंहगा हो गया, जिसके बाद इसकी कीमत बढ़कर 75.10 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
नई दिल्ली, 16 मईः कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मतदान होने के बाद से पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, बल्कि लगातार तीसरे दिन भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल 15 पैसे मंहगा हो गया, जिसके बाद इसकी कीमत बढ़कर 75.10 रुपए प्रति लीटर हो गई है। वहीं, डीजल कीमतों में 21 पैसे की वृद्धि के साथ अब इसकी कीमत बढ़कर 82.94 रुपए प्रति लीटर हो गई है।
Prices of petrol in Delhi Rs 75.10/litre and Mumbai Rs 82.94/litre. Prices of diesel in Delhi Rs 66.57/litre and Mumbai Rs 70.88/litre.
— ANI (@ANI) May 16, 2018
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम 74.95 रुपए हो गए थे, जबकि डीजल के दाम 66.36 रुपए हो गए हैं। मंगलवार को पेट्रोल पर 15 पैसे और डीजल पर 22 पैसे बढ़ाए गए थे।
वहीं, सोमवार को पेट्रोल की कीमत में 17 पैसे जबकि डीजल के मूल्य में 21 पैसे की वृद्धि हुई थी, जिससे दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.80 रुपये प्रति लीटर हो गई थी, वहीं डीजल 66.14 प्रति लीटर पहुंच गई था।
बता दें, पिछले दिनों खबरें आई थीं कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार की वजह से नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया, जिसके बाद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ( आईओसी ) के चेयरमैन संजीव सिंह ने को सफाई देनी पड़ी थी और उन्होंने कहा था कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 24 अप्रैल से बदलाव नहीं करना इन्हें स्थिर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक चुनावों के समय यह होना महज संयोग है।
उन्होंने कहा था कि कीमतें स्थिर करने से पहले हर रोज यह 25-35 पैसे घट-बढ़ रहा था। इससे हर 15 दिन में ईंधन की कीमतें 2-3 रुपये बदल जाती थीं। हमारा मानना है कि यह अवास्तविक है। अत : हमने इसे स्थिर करने का निर्णय किया। संयोग से यह कुछ राज्यों के चुनाव से टकरा गया। यह तय नहीं है।
इधर, पिछले दिनों पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने उन रिपोर्ट को खारिज किया जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को लागत के मुताबिक ईंधन के दाम नहीं बढ़ाने और कम-से-कम एक रुपये प्रति लीटर का बोझ उठाने की बात कही गयी थी।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण एशियाई देशों में भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें सर्वाधिक हैं। देश में विपणन दरों में लगभग आधी हिस्सेदारी करों की है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोत्तरी की। उत्पाद शुल्क में महज एक बार पिछले साल अक्तूबर में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गयी।