समय की कसौटी पर खरी उतरी है भारत- रूस की दोस्ती: प्रधानमंत्री मोदी

By भाषा | Published: September 3, 2021 05:42 PM2021-09-03T17:42:17+5:302021-09-03T17:42:17+5:30

India-Russia friendship has stood the test of time: PM Modi | समय की कसौटी पर खरी उतरी है भारत- रूस की दोस्ती: प्रधानमंत्री मोदी

समय की कसौटी पर खरी उतरी है भारत- रूस की दोस्ती: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत-रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश मिलकर वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकते हैं। ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) के पूर्ण सत्र को वीडियो कन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कोरोना से बचाव के टीकाकरण कार्यक्रम सहित कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच ‘बेहतर’ सहयोग का भी उल्लेख किया। ईईएफ का आयोजन रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने रूस के सुदूर पूर्व में विकास के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सोच की सराहना करते हुए कहा कि भारत इस सपने को साकार करने में रूस का एक भरोसमंद साझेदार होगा। भारत में एक प्रतिभाशाली और समर्पित कार्यबल उपलब्ध होने और रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के संसाधन संपन्न होने की स्थिति पर गौर करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रतिभाओं के लिये रूस के इस क्षेत्र के विकास में योगदान योगदान करने की जबरदस्त गुंजाइश है। प्रधानमंत्री ने फोरम में हिस्सा लेने के लिए 2019 में व्लादिवोस्तोक की अपनी यात्रा और उस दौरान "एक्ट फार ईस्ट पॉलिसी" के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा का भी उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि यह नीति रूस के साथ भारत की "विशेष और करीबी रणनीतिक साझेदारी" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन, मुझे 2019 में व्लादिवोस्तोक से ज्वेज्दा तक नाव यात्रा के दौरान हुई हमारी लंबी बातचीत याद है। आपने मुझे ज्वेज्दा में आधुनिक जहाज निर्माण प्रतिष्ठान दिखाया था और उम्मीद जतायी थी कि भारत इस शानदार उद्यम में भाग लेगा। आज मुझे इस बात की खुशी है कि भारत के सबसे बड़े शिपयार्ड में से एक, मझगांव डॉक्स लिमिटेड, दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए ज्वेज्दा के साथ साझेदारी करेगा।"मोदी ने कहा कि भारत और रूस गगनयान कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में भागीदार हैं और दोनों देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग को खोलने में भी भागीदार होंगे।भारत और रूस की दोस्ती को समय की कसौटी पर खरी बताते हुये उन्होंने कहा कि हाल ही में टीके के क्षेत्र में सहयोग सहित कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग में यह दिखा है। मोदी ने कहा कि महामारी ने द्विपक्षीय सहयोग में स्वास्थ्य और औषधि क्षेत्रों के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा, "ऊर्जा हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक अन्य प्रमुख स्तंभ है। भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है।"प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कामगार यमल से व्लादिवोस्तोक और उसके बाद चेन्नई तक अमूर क्षेत्र की प्रमुख गैस परियोजनाओं में भाग ले रहे हैं।उन्होंने कहा, "हम ऊर्जा और व्यापार संबंधी जुड़ाव पर गौर कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारा आगे बढ़ रहा है। यह संपर्क परियोजना, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण गलियारे के साथ, भारत और रूस को प्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे के करीब लाएगी।"मोदी ने कहा कि महामारी से जुड़े प्रतिबंधों के बावजूद, कई क्षेत्रों में भारत-रूस व्यापार संबंधों को मजबूत करने में अच्छी प्रगति हुई है और इसमें भारतीय इस्पात उद्योग को कोकिंग कोल की दीर्घकालिक आपूर्ति शामिल है। उन्होंने कहा, "हम कृषि उद्योग, सिरामिक, रणनीतिक और दुर्लभ मृदा खनिजों और हीरे के क्षेत्र में भी नए अवसर तलाश रहे हैं। मुझे खुशी है कि सखा-यकूतिया और गुजरात के हीरा क्षेत्र के प्रतिनिधि इस मंच के तहत एक अलग बातचीत कर रहे हैं।" मोदी ने साथ ही विश्वास जताया कि 2019 में घोषित एक अरब डॉलर की सॉफ्ट क्रेडिट लाइन दोनों देशों के बीच कई व्यावसायिक अवसर पैदा करेगी। इस बात पर ध्यान दिलाते हुए कि भारतीय इतिहास और सभ्यता में, "संगम" शब्द का एक विशेष अर्थ है, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका मतलब मेल या नदियों, लोगों या विचारों का एक साथ आना है और व्लादिवोस्तोक वास्तव में यूरेशिया और प्रशांत क्षेत्र का "संगम" है। उन्होंने कहा कि रूसी सुदूर पूर्व के सबसे महत्वपूर्ण हितधारक क्षेत्रों और भारत में संबंधित राज्यों को एक ही मंच पर एक साथ लाना भी उपयोगी है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें 2019 में प्रमुख भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की (रूस की) यात्रा के दौरान हुई उपयोगी चर्चाओं को आगे बढ़ाना चाहिए। मैं रूस के सुदूर पूर्व के 11 क्षेत्रों के गवर्नर को निमंत्रण देना चाहूंगा कि वे जल्द से जल्द भारत का दौरा करें।" प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ईईएफ के तहत भारत-रूस व्यापार वार्ता में भाग ले रहा है। प्रतिनिधिमंडल में देश की प्रमुख तेल और गैस कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हैं। बयान के अनुसार, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और रूस के सखा-यकूतिया प्रांत के गवर्नर के बीच बृहस्पतिवार को ईईएफ से इतर एक ऑनलाइन बैठक हुई।

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