आईएमएफ ने मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए आरबीआई की थपथपाई पीठ, कहा निश्चित स्तर पर लाने के लिए मौद्रिक नीति में और सख्ती की जरूरत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 12, 2022 02:51 PM2022-10-12T14:51:20+5:302022-10-12T15:08:11+5:30
आईएमएफ में वित्तीय परामर्शदाता एवं मौद्रिक तथा पूंजी बाजार विभाग में निदेशक तोबायस एड्रियन ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति आरबीआई की तय सीमा से ऊपर बनी हुई है इसलिए हमारा अनुमान है कि आगे जाकर मौद्रिक नीति को और सख्त किया जाएगा।’’
वाशिंगटनः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए मौद्रिक नीति को सख्त करने पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सराहना की। आईएमएफ के मौद्रिक एवं पूंजी बाजार विभाग में उप खंड प्रमुख गार्सिया पास्क्वाल ने कहा, ‘‘मई से ही तय सीमा से ऊंचे स्तर पर बनी हुई मुद्रास्फीति से निपटने के लिए आरबीआई ने मौद्रिक नीति को सख्त करके उचित ही किया है। जहां तक मुझे ध्यान है आरबीआई ने दरों में 1.90 फीसदी की वृद्धि की है और हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति को निश्चित स्तर तक लाने के लिए और सख्ती करनी होगी।’’
आईएमएफ में वित्तीय परामर्शदाता एवं मौद्रिक तथा पूंजी बाजार विभाग में निदेशक तोबायस एड्रियन ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति आरबीआई की तय सीमा से ऊपर बनी हुई है इसलिए हमारा अनुमान है कि आगे जाकर मौद्रिक नीति को और सख्त किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय स्थिरता की बात करें तो भारत में बैंकों और गैर बैंकिंग प्रणालियों में पहले से कुछ कमजोरियां हैं जो चिंता का विषय है। हमने कुछ समय पहले भारत में जो वित्तीय क्षेत्र आकलन कार्यक्रम किया था उसमें इन विषयों को उठाया था लेकिन इनमें से कुछ मुद्दे भारत में अब भी बने हुए हैं।’’
आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य को लेकर मंगलवार को जारी अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि इस साल भारत की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत ही रहने की संभावना दिख रही है। यह जुलाई में व्यक्त पिछले अनुमान से 0.6 प्रतिशत कम है। यह दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के उम्मीद से कम रहने और बाह्य मांग में भी कमी आने की ओर इशारा करता है। आईएमएफ की रिपोर्ट जारी होने के बाद गोरिंचेस ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत 2022 में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और 2023 में भी इसके मजबूती से वृद्धि करने की उम्मीद है। इस साल इसकी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने जबकि अगले साल 6.1 प्रतिशत रहने की हमें उम्मीद है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति अब भी केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से अधिक बनी हुई है।