'काश मैं टैक्स को शून्य कर पाती..', कर व्यवस्था के सवाल पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

By आकाश चौरसिया | Published: August 14, 2024 10:04 AM2024-08-14T10:04:54+5:302024-08-14T10:24:15+5:30

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भोपाल स्थित IISER के 14वें दीक्षांत समारोह में कहा, 'काश मैं करों को शून्य तक ला पाती, लेकिन भारत में चुनौतियां हैं, सरकार को पैसे की जरूरत है'।

I Wish I could bring down taxes to nil said Finance Minister Nirmala Sitharaman bhopla | 'काश मैं टैक्स को शून्य कर पाती..', कर व्यवस्था के सवाल पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

फोटो क्रेडिट- एक्स

Highlightsकेंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स के सवाल पर कह दिया कि वो इस व्यवस्था को हटा पाती!हालांकि, उन्होंने कहा कि देश को चुनौतियों से लड़ने के लिए इसकी जरूरत होती हैदूसरी तरफ उन्होंने नवाचार पर बेहद जोर दिया, वित्त मंत्री ने कहा- इससे भविष्य बनेगा

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 अगस्त को कहा कि काश वो ऐसा कर पाती की टैक्स को कम कर एकदम शून्य कर देती, लेकिन भारत को अपनी चुनौतियों से लड़ने के लिए रुपयों की जरूरत होती हैं और रिसर्च एंड विकास की गतिविधियों के लिए भी एक बड़े फंड की जरूरत होती है। ऐसे में संसाधन जुटाना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है, जिसके लिए टैक्स तो लेना ही पड़ेगा। 

भारतीय विज्ञान एजुकेशन एंड रिसर्च संस्थान भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह में सीतारमण ने टैक्स स्लैब पर बात करते हुए कहा कि इससे भारत की जरूरत पूरी होती हैं और चुनौतियों से भी सामना करने में सरकार को मदद मिलती है। 

उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री रहते हुए, उस वक्त सबसे ज्यादा निरोत्साह महसूस होता है, जब कोई पूछता है कि क्या टैक्स को इससे कम किया जा सकता है। ऐसे मंत्री कहती हैं काश टैक्स को एकदम शून्य कर पाती। लेकिन चुनौतियों बड़ी है और इनसे पार पाने के लिए सरकार को टैक्स की जरूरत होती है।  

उनका काम है कि सरकार के लिए लोगों को बिना दुख दिए राजस्व इकट्ठा करूं, जिसके लिए आप सभी को सुनिश्चित करती हूं। लेकिन, उसके साथ भी पैसा आता है क्योंकि हमें अनुसंधान के लिए धन की भी आवश्यकता होती है। सरकार बात ही नहीं कर रही है। यह R&D (अनुसंधान और विकास) में पैसा लगा रहा है। वह पैसा जो कराधान से कमाया जाता है। यह मेरा काम है इसलिए मैं आपको बताना जरूरी है। 

उन्होंने यह भी कहा कि जबकि दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन के लक्ष्य के लिए बहुत सारा पैसा देने का वादा किया है, लेकिन ऐसा होना अभी बाकी है, दूसरी तरफ रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इंतजार नहीं किया ऐसी बातें सामने आईं। सीतारमण ने कहा ने कहा कि भारत ने इसका इंतजार नहीं किया कि उसे मदद मिले। पेरिस (पेरिस समझौते) में दिए गए वादे हमनें अपने पैसे से पूरे किए गए।

वित्त मंत्री ने वैज्ञानिकों से नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण पर शोध करने की भी अपील की, उन्होंने कहा कि सरकार ने वैज्ञानिक अनुसंधान में भारी निवेश किया है। भारत की चुनौतियों को समझने के लिए अपने सामने स्नातकों, पीएचडी धारकों की एक बहुत ही विद्वान भीड़ चाहती हूं। मैंने भारत जैसे बढ़ते देश के लिए ऊर्जा के उन स्थायी स्रोतों में से ऐसे रूप में नवीकरणीय ऊर्जा, वैश्विक ऊर्जा का उदाहरण लिया है।

वैज्ञानिकों से नवाचार लाने का आग्रह करते हुए, सीतारमण ने कहा कि भारत अपनी ताकत से जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है और कहीं और से पैसे के लिए इंतजार नहीं कर सकता है। सीतारमण ने वैज्ञानिकों से नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण के लिए बैटरी विकसित करने का भी आग्रह किया क्योंकि जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन टिकाऊ होना चाहिए।

Web Title: I Wish I could bring down taxes to nil said Finance Minister Nirmala Sitharaman bhopla

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