चीन, दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों के गढ़ के तौर पर उभर रहा है ग्रेटर नोएडा: उप्र मंत्री
By भाषा | Published: August 24, 2021 09:27 PM2021-08-24T21:27:31+5:302021-08-24T21:27:31+5:30
उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार की निवेशक अनुकूल नीतियों की वजह से ग्रेटर नोएडा चीन और दक्षिण कोरिया की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गढ़ के रूप में तेजी से उभर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और जर्मनी की कंपनियों के अलावा, चीन एवं दक्षिण कोरिया की कई कंपनियां पिछले साढ़े चार साल से दिल्ली से लगे ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश करती रही हैं। महाना ने एक बयान में कहा "ओप्पो, विवो और फॉर्मी जैसी प्रमुख चीनी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में अपनी इकाइयां स्थापित कर रही हैं।" उन्होंने कहा, "इसी तरह, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की दक्षिण कोरिया की पांच कंपनियों ने 1,154 करोड़ रुपये की लागत से ग्रेटर नोएडा में अपने कारखाने स्थापित करने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया है। ये कंपनियां 8,706 युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगी।" मंत्री ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में अपने कारखाने स्थापित करने के लिए अब तक 3.51 लाख वर्ग मीटर जमीन खरीदने वाली पांच बड़ी कंपनियों में सैमक्वांग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स, केएच वैटेक इंडिया, सेनेटेक इंडिया, ड्रीमटेक और स्टीरियोन शामिल हैं।महाना ने कहा, "ये दुनिया भर में मोबाइल के पुर्जों का निर्माण करने वाली सबसे प्रतिष्ठित कंपनियां हैं।" ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक सैमक्वांग इंडिया इलेक्ट्रानिक्स 440 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अपनी इकाई लगा रही है जिसमें 4,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं केएच वाटैक इंडिया 247 करोड़ रुापये और सेनटैक इंडिया 34 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इनमें कुल मिलाकर 1,150 लोगों को रोजगार प्रापत होगा।
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