महंगाई को काबू में रखते हुए धीरे-धीरे नकदी उपायों को वापस लेने से वृद्धि रहेगी बरकरार: बैंक प्रमुख

By भाषा | Updated: October 8, 2021 22:29 IST2021-10-08T22:29:40+5:302021-10-08T22:29:40+5:30

Gradual withdrawal of liquidity measures keeping inflation in check will sustain growth: Bank chief | महंगाई को काबू में रखते हुए धीरे-धीरे नकदी उपायों को वापस लेने से वृद्धि रहेगी बरकरार: बैंक प्रमुख

महंगाई को काबू में रखते हुए धीरे-धीरे नकदी उपायों को वापस लेने से वृद्धि रहेगी बरकरार: बैंक प्रमुख

मुंबई, आठ अक्टूबर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को घोषित मौद्रिक नीति को संतुलित बताते हुए बैंक प्रमुखों ने कहा कि महंगाई को काबू में रखते हुए नकदी उपायों को धीरे-धीरे वापस लेने से वृद्धि को समर्थन मिलेगा।

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा और उदार नीतिगत रुख को बनाए रखा।

केंद्रीय बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों के अधिग्रहण कार्यक्रम (जी-सैप) को रोकने का फैसला किया है। इस कदम से प्रणाली में और तरलता का प्रवाह रुकेगा। हालांकि, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया कि यह कदम नरम मौद्रिक रुख को पलटने के लिए नहीं उठाया गया है।

पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ एस एस मल्लिकार्जुन राव ने कहा, ‘‘उम्मीद के मुताबिक नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मुद्रास्फीति को काबू में रखते हुए नकदी उपायों को क्रमिक रूप से वापस लेने से वृद्धि को समर्थन मिलेगा।’’

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष दिनेश खारा ने कहा कि मजबूत वृद्धि के संकेतों के कारण मौद्रिक नीति का अंतर्निहित स्वर आशावादी है, जो पूरे देश में टीकाकरण की रफ्तार में प्रभावशाली सुधार के चलते है।

उन्होंने कहा कि नीति वक्तव्य में नकदी और महंगाई के प्रबंधन के लिए चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ने के संकेत दिए गए हैं।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के ‘क्लस्टर’ सीईओ (भारत और दक्षिण एशिया बाजार- बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका) जरीन दारूवाला ने कहा कि एमपीसी ने उदार रुख और रेपो दर को बनाए रखते हुए वृद्धि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई के आर्थिक पूर्वानुमान भी कम मुद्रास्फीति के बीच मजबूत सुधार की ओर इशारा करते हैं।’’

केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के अपने अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।

कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड के समूह अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) शांति एकंबरम ने कहा कि एमपीसी कुछ अन्य अर्थव्यवस्थाओं में धीमे वृद्धि प्रतिरूप को देखते हुए वृद्धि में लगातार तेजी पर नजर रखे हुए है।

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के अध्यक्ष राज किरण राय जी ने कहा कि टिकाऊ आधार पर वृद्धि को पुनर्जीवित करने और बनाए रखने के लिए आरबीआई का निर्णय उम्मीद के मुताबिक ही है।

भारतीय स्टेट बैंक समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि रिवर्स रेपो और रेपो दरों के सामान्य होने में दिसंबर के बाद भी देरी हो सकती है।

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Web Title: Gradual withdrawal of liquidity measures keeping inflation in check will sustain growth: Bank chief

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