आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे कम हो सकती है मुद्रास्फीति'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 9, 2022 03:55 PM2022-07-09T15:55:10+5:302022-07-09T15:59:35+5:30

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दृष्टि से और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक उपाय करना जारी रखेगा।

Governor Shaktikanta Das said, 'Inflation may come down gradually in the second half of the financial year' | आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे कम हो सकती है मुद्रास्फीति'

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे कम हो सकती है मुद्रास्फीति'

Highlightsगवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कीमतों की स्थिति में सुधार होगादेश में महंगाई की दर इस साल की शुरुआत से ही आरबीआई की तय सीमा के ऊपर बनी हुई हैमहंगाई को रोकने के लिए आरबीआई दो किस्तों में रेपो रेट में 90 बेसिस अंक का इजाफा कर चुका है

दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई से जूझ रही देश की जनता को राहत देने वाली जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि केंद्रीय बैंक इस बात पर भरोसा कर रहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में कीमतों की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होगा।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दृष्टि से और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक उपाय करना जारी रखेगा।

समाचार एजेंसी 'पीटीआई' के मुताबिक देश में महंगाई की दर इस साल की शुरुआत से ही आरबीआई की तय सीमा के ऊपर बनी हुई है। इसे रोकने के लिए आरबीआई दो किस्तों में रेपो रेट में 90 बेसिस अंक का इजाफा कर चुका है।

गवर्नर दास ने कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि महंगाई देश के आर्थिक संस्थानों में जनता के विश्वास का एक मापक है।

उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर, इस समय आपूर्ति का आउटलुक अनुकूल दिखाई दे रहा है और कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में रिकवरी की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में हमारा वर्तमान आकलन है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में महंगाई धीरे-धीरे कम हो सकती है।’

उन्होंने कहा कि मैक्रोइकनॉमिक और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी बनाए रखने के लिए मूल्य स्थिरता महत्वपूर्ण है और इसलिए केंद्रीय बैंक व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने और बढ़ावा देने के उपाय करेगा।

दास ने कहा, ‘हालांकि, हमारे नियंत्रण से परे कारक अल्पावधि में मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन मध्यम अवधि में इसकी चाल मौद्रिक नीति द्वारा निर्धारित होगी। इसलिए, मौद्रिक नीति को मुद्रास्फीति को स्थिर करने के लिए समय पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूत स्थिति में और सतत वृद्धि की राह पर कायम रखा जा सके।’

जून में संशोधन का लगभग तीन-चौथाई खाद्य कीमतों के लिए भू-राजनीतिक स्पिलओवर के कारण था। उन्होंने कहा, एमपीसी ने नीति रेपो दर को क्रमशः मई और जून में 40 बीपीएस और 50 बीपीएस बढ़ाने का भी फैसला किया।

वैश्विक विकास की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति के सामान्यीकरण और दूसरी तरफ लगातार राजनीतिक तनाव के कारण वित्तीय स्थिति में तेजी से गिरावट का जोखिम है।

यह देखते हुए कि वैश्वीकरण के लाभ कुछ जोखिमों और चुनौतियों के साथ आते हैं। दास ने कहा कि खाद्य, ऊर्जा, वस्तुओं और महत्वपूर्ण आदानों की कीमतों में झटके जटिल आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से दुनिया भर में प्रसारित होते हैं।

उन्होंने कहा, हाल के घटनाक्रम घरेलू मुद्रास्फीति की गतिशीलता और व्यापक आर्थिक विकास में वैश्विक कारकों की अधिक मान्यता के लिए कहते हैं जो बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए देशों के बीच नीतिगत समन्वय और संवाद को बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Governor Shaktikanta Das said, 'Inflation may come down gradually in the second half of the financial year'

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