अर्थव्यवस्था को उबारने में अब सरकार की होगी निर्णायक भूमिका: एसबीआई इकनॉमिस्ट

By भाषा | Published: August 21, 2020 08:31 PM2020-08-21T20:31:47+5:302020-08-21T20:31:47+5:30

एसबीआई इकनॉमिस्ट के अनुसार, ‘यदि हम अर्थव्यवस्था में तेजी से पुनरोद्धार की कोई उम्मीद करते हैं, तो इसे राजकोषीय नीति की भूमिका निर्णायक होगी।’’

government will now have a decisive role in reviving the economy: SBI Economist | अर्थव्यवस्था को उबारने में अब सरकार की होगी निर्णायक भूमिका: एसबीआई इकनॉमिस्ट

लोकमत फाइल फोटो.

Highlightsरिजर्व बैंक ने अगस्त में नीतिगत दर में कोई कटौती नहीं की। जिससे कइयों को हैरानी हुई। जुलाई में जो मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत पर रही है, उसके नीचे आने की संभावना नहीं है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक अपनी दर कटौती चक्र के अंतिम छोर के करीब है, क्योंकि मुद्रास्फीति में मौजूदा स्तर से बहुत अधिक कमी आने की उम्मीद कम है। अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को कहा ऐसे में अब अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार का दायित्व सरकार के पाले में पहुंच गया है।

रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक का ब्योरा सामने आने के एक दिन बाद एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की यह टिप्पणी आई है। बैठक के ब्योरे के अनुसार यह साफ हो गया है कि मौद्रिक समीक्षा की पिछली बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखने की मुख्य वजह ऊंची मुद्रास्फीति थी।

इस साल मार्च में कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद रिजर्व बैंक दो बार में नीतिगत दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है, जिससे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सके। हालांकि, रिजर्व बैंक ने अगस्त में नीतिगत दर में कोई कटौती नहीं की। जिससे कइयों को हैरानी हुई।

एसबीआई इकनॉमिस्ट के अनुसार, ‘यदि हम अर्थव्यवस्था में तेजी से पुनरोद्धार की कोई उम्मीद करते हैं, तो इसे राजकोषीय नीति की भूमिका निर्णायक होगी।’’ एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि हम ब्याज दर कटौती चक्र के अंत में पहुंच चुकें हैं। मुद्रास्फीति के मौजूदा स्तर से बहुत नीचे आने की गुंजाइश नहीं है, ऐसे में बड़ी कटौती की उम्मीद नहीं की जा सकती।’’

उन्होंने संकेत दिया कि ज्यादा से ज्यादा ब्याज दरों में चौथाई प्रतिशत की और कटौती हो सकती है। उनका मानना है कि जुलाई में जो मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत पर रही है, उसके नीचे आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो बड़े पैमाने पर खरीद की है उससे मुद्रास्फीति के 0.35 से 0.40 प्रतिशत और ऊपर जाने का अनुमान है। आपूर्ति श्रृंखला में जो बाधा खड़ी हुई है उसमें फिलहाल राहत के संकेत नहीं दिखाई देते हैं। कई राज्यों में यह स्थिति देखी गई है। 

Web Title: government will now have a decisive role in reviving the economy: SBI Economist

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