सरकार लोगों के बीच भाषा की दीवार को ढहाने के लिए यथासमय अनुवाद टूल बनाने पर काम कर रही है

By भाषा | Published: June 19, 2021 09:04 PM2021-06-19T21:04:32+5:302021-06-19T21:04:32+5:30

Government is working on making translation tools in due course to break down the language wall among the people | सरकार लोगों के बीच भाषा की दीवार को ढहाने के लिए यथासमय अनुवाद टूल बनाने पर काम कर रही है

सरकार लोगों के बीच भाषा की दीवार को ढहाने के लिए यथासमय अनुवाद टूल बनाने पर काम कर रही है

नयी दिल्ली, 19 जून सरकार एक ऐसी तकनीक पर काम कर रही है, जो भारतीय भाषाओं के अलग-अलग भाषाभाषी लोगों के बीच संवाद कायम करने के लिए तत्काल अनुवाद की सुविधा प्रदान करेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा।

यह महत्वाकांक्षी भाषा अनुवाद परियोजना, 5-7 साल की समयावधि में पूरी करने का लक्ष्य है।यह तकनकी देश में भाषा की बाधा को समाप्त करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके विकसित की जा रही है।

एमईआईटी-वाई सचिव अजय प्रकाश साहनी ने निक्सी के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने एक बहुत ही महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन पर काम करना शुरू कर दिया है। नई तकनीक का जादू देखें। सदियों से हमने इस वास्तविकता का सामना किया है कि एक व्यक्ति जो केवल बंगाली भाषा जानता है वह उस व्यक्ति के साथ संवाद नहीं कर सकता जो केवल मलयालम जानता है। यह स्थिति अब बदल जाएगी।’’

यह कार्यक्रम नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (निक्सी) के 18 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया था।

साहनी ने एक उदाहरण देकर समझाया कि इस तकनीक से केवल बंगाली बोलने वाले लोग, अब केवल मलयालम भाषा बोलने वालों के साथ संवाद करने में सक्षम होंगे।

साहनी ने कहा कि देश में भाषाओं की संख्या यूरोप की तुलना में अधिक है जिस समस्या से निपटा जाना है।

साहनी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे एक डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है, जिसमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रत्येक क्षेत्र में गहराई से प्रवेश कर रहे हैं।

एमईआईटीवाई सचिव ने कहा कि 2.51 लाख ग्राम पंचायतों में नागरिकों को सरकारी सेवाएं प्रदान करने वाले कॉमन सर्विस सेंटर के साथ देश के हर नुक्कड़ और कोने में डिजिटल सेवाओं का विस्तार हुआ है, जबकि सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार वर्ष 2014 के 23.3 करोड़ से बढ़कर फिलहाल 79.5 करोड़ सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता हो गए हैं। .

साहनी ने कहा, ‘‘डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ा है। सालाना आधार पर 25.5 अरब रीयल टाइम लेनदेन हो रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन मार्च 2016 के 593.61 करोड़ से बढ़कर मार्च 2020 में 3,434 करोड़ हो गया है।

साहनी ने कहा, ‘‘इस तरह के लेन-देन की मात्रा के साथ, हम मौजूदा वक्त में दुनिया में शीर्ष स्थान पर हैं, इसके बाद 15.7 अरब लेनदेन के साथ चीन का स्थान आता है ...।

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