सरकार एलआईसी में विदेशी निवेश की अनुमति देने पर कर रही विचार

By भाषा | Published: August 24, 2021 09:10 PM2021-08-24T21:10:31+5:302021-08-24T21:10:31+5:30

Government is considering allowing foreign investment in LIC | सरकार एलआईसी में विदेशी निवेश की अनुमति देने पर कर रही विचार

सरकार एलआईसी में विदेशी निवेश की अनुमति देने पर कर रही विचार

सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने पर विचार कर रही है। सरकार की इस पहल से विदेशी निवेशकों को कंपनी के प्रस्तावित मेगा आईपीओ में भाग लेने में मदद मिलेगी। इस प्रस्ताव पर वित्तीय सेवा विभाग और निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के बीच चर्चा चल रही है। एक सूत्र ने कहा, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों से प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। इस पर विभिन्न मंत्रालयों के बीच भी चर्चा होगी और इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की भी आवश्यकता होगी।’’ मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक बीमा क्षेत्र में ‘स्वत: मंजूरी मार्ग’ के तहत 74 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है। हालांकि, ये नियम भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पर लागू नहीं होते है। एलआईसी का अलग एलआईसी कानून है। सेबी नियमों के अनुसार, सार्वजनिक पेशकश के तहत विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) दोनों की अनुमति है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चूंकि एलआईसी अधिनियम में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए विदेशी निवेशकों की भागीदारी के संबंध में प्रस्तावित एलआईसी आईपीओ को सेबी के मानदंडों के अनुरूप बनाने की आवश्यकता है। मंत्रिमंडल ने जुलाई में एलआईसी के प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये मंजूरी दे दी थी। सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक एलआईसी का आईपीओ आ जाएगा। निर्गम का 10 प्रतिशत हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा। सरकार पहले ही प्रस्तावित आईपीओ के लिए एलआईसी अधिनियम में आवश्यक विधायी संशोधन ला चुकी है। डेलॉइट और एसबीआई कैप्स को आईपीओ पूर्व लेनदेन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। सोलह मर्चेंट बैंकर मेगा आईपीओ का प्रबंधन पाने की होड़ में हैं। ये बैंकर सप्ताह के दौरान डीआईपीएएम के समक्ष प्रस्तुतीकरण देंगे। बीएनपी पारिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और डीएसपी मेरिल लिंच लिमिटेड (जिसे अब बोफा सिक्योरिटीज के नाम से जाना जाता है) सहित सात अंतरराष्ट्रीय बैंकर अपना प्रस्तुतीकरण देंगे। सरकार के लिए अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए एलआईसी की सूचीबद्धता महत्वपूर्ण होगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और निजीकरण से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Government is considering allowing foreign investment in LIC

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे