लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय को सरकार की मंजूरी

By भाषा | Updated: November 25, 2020 18:58 IST2020-11-25T18:58:06+5:302020-11-25T18:58:06+5:30

Government approves merger of Laxmi Vilas Bank with DBS Bank | लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय को सरकार की मंजूरी

लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय को सरकार की मंजूरी

नयी दिल्ली, 25 नवंबर सरकार ने बुधवार को संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में विलय को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मौजूदा रोक के अलावा बैंक के जमाकर्ताओं पर आगे निकासी को लेकर कोई अंकुश नहीं रहेगा।

मंत्री ने जमाकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि एलवीबी में 20,000 करोड़ रुपये की जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

सिंगापुर के डीबीएस बैंक लि. की पूर्ण अनुषंगी डीबीआईएल की कुल नियामकीय पूंजी जून, 2020 तक 7,109 करोड़ रुपये थी।

इससे पहले सरकार ने 17 नवंबर को रिजर्व बैंक को संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक पर 30 दिन की ‘रोक’ की सलाह दी थी। साथ ही प्रत्येक जमाकर्ता के लिये 25,000 रुपये निकासी की सीमा तय की गई थी। इसके साथ रिजर्व बैंक ने कंपनी कानून, 2013 के तहत एलवीबी के डीबीआईएल में विलय की योजना का मसौदा भी सार्वजनिक किया था।

केंद्रीय बैंक ने एलवीबी के बोर्ड को भंग कर दिया था और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में एलवीबी के डीबीएस बैंक में विलय को मंजूरी दी गई।

जावड़ेकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने एलवीबी के डीबीएस बैंक इंडिया लि. में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से जहां बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं 4,000 कर्मचारियों की सेवाएं भी सुरक्षित रहेंगी।

‘उन्होंने कहा, ‘‘20 लाख ग्राहक और 20,000 करोड़ रुपये की जमा अब पूरी तरह सुरक्षित है। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। न ही भागदौड़ करने की जरूरत है। उनकी जमा सुरक्षित हाथों में है।’’

हालांकि, डीबीआईएल की पूंजी की स्थिति काफी अच्छी है, लेकिन विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली इकाई की ऋण की वृद्धि के लिए वह 2,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी शुरू में ही लाएगी।’’

इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया में विलय की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के मंजूर हो जाने के बाद एलवीबी का एक उचित तिथि पर डीबीआईएल के साथ विलय हो जाएगा और तब जमाकर्ताओं पर अपना धन निकालने को लेकर किसी भी तरह की रोक नहीं रहेगी।’’

मंत्री ने कहा कि एलवीबी की वित्तीय सेहत को खराब करने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा।

जावड़ेकर ने इस बात पर जोर दिया कि रिजर्व बैंक की निगरानी में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक को किसी समस्या के बेकाबू होने से पहले उसे पकड़ लेना चाहिए। यदि किसी को सामने आ रही समस्या का पता चल जाता है, तो उसका हल आसान हो जाता है।

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Web Title: Government approves merger of Laxmi Vilas Bank with DBS Bank

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