घर खरीदारों को खुशखबरी, मोदी सरकार ने 10000 करोड़ की विशेष सुविधा दी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 14, 2019 05:32 PM2019-09-14T17:32:37+5:302019-09-14T17:32:37+5:30
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि निर्यात क्षेत्र को प्राथमिक क्षेत्र ऋण का दर्जा मिलने के बाद 36 हजार से 68 हजार करोड़ रुपये तक का कर्ज उपलब्ध होगा। निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईजीसी) निर्यात ऋण बीमा योजना का दायरा बढ़ाएगा, इस कदम से सरकार पर सालाना 1,700 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।
सरकार ने रोजगार और मांग की दृष्टि से महत्वपूर्ण आवास निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं को उनके आखिरी चरण का काम पूरा करने के लिये कर्ज उपलब्ध कराने हेतु 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा देने की शनिवार को घोषणा की।
यह सहायता ऐसी परियोजनाओं को ही मिलेगी जो दिवाला संहिता के तहत एनसीएलटी में जाने या गैर निष्पादित सम्पत्ति (एनपीए) घोषित होने से बची हुई हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां अर्थव्यवस्था को नरमी से उबारने के लिए एक औरा पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं के वित्त-पोषण के लिए सरकार करीब 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता देगी।
FM Nirmala Sitharaman: External Commercial Borrowing (ECB) guidelines will be relaxed to facilitate financing home buyers who are eligible under the PMAY (Pradhan Mantri Awas Yojana). This is an addition to the existing norms for ECB for affordable housing. pic.twitter.com/ujnaM3HW8T
— ANI (@ANI) September 14, 2019
उन्होंने कहा कि इस काम में बाहरी निवेशकों से भी करीब इतनी ही राशि उपलब्ध होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि इससे किफायती तथा मध्य आय वर्ग के लिए बनायी जा रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कोष का प्रबंधन पेशेवर लोग करेंगे।
वित्तमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण के लिये कर्ज पर ब्याज दर को कम किया जाएगा तथा इन पर ब्याज की दर को 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के यील्ड (निवेश -प्रतिफल) से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी नौकरी वाले लोग आवास की मांग में अहम योगदान देते हैं। इस व्यवस्था से सरकारी नौकरी वाले अधिक लोगों को नया घर खरीदने का प्रोत्साहन मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि डेवलपरों को विदेश से पूंजी जुटाने में मदद करने के लिये विदेश से लिये जाने वाले वाणिज्यिक ऋण से संबंधित दिशानिर्देश आसान बनाये जाएंगे।