गो एयरलाइंस को सेबी से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने की मंजूरी मिली
By भाषा | Published: August 30, 2021 06:55 PM2021-08-30T18:55:05+5:302021-08-30T18:55:05+5:30
विमान सेवा देने वाली गो एयरलाइंस को 3,600 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (अईपीओ) के लिये सेबी से मंजूरी मिल गयी है। कंपनी ने ‘गो फर्स्ट’ नाम से नया ब्रांड नाम दिया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा दस्तावेज के अनुसार एयरलाइन की शेयरों की बिक्री के जरिये 3,600 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। कंपनी की आईपीओ से पूर्व नियोजन के आधार पर 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की भी योजना है। सेबी के पास आईपीओ के बारे में उपलब्ध ताजा सूचना के अनुसार कंपनी ने आईपीओ के लिये मई में शुरूआती दस्तावेज जमा किये थे। उसे 26 अगस्त को सेबी से टिप्पणी मिली। सूचना सोमवार को सार्वजनिक की गयी।आईपीओ पर सेबी की टिप्पणी का मतलब है कि आईपीओ को मंजूरी। दस्तावेज यानी विवरण पुस्तिका के अनुसार आईपीओ से प्राप्त राशि 2,015.81 करोड़ रुपये का उपयोग एयरलाइन कर्ज के भुगतान में करेगी। फिलहाल तीन अनुसूचित विमान कंपनियां... इंडिगो, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज... घरेलू शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं। जेट एयरवेज ने अप्रैल 2019 में परिचालन बंद कर दिया था। कंपनी ऋण शोधन प्रक्रिया में गयी है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने जालान कालरॉक समूह की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है।
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