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गहलोत ने 2.50 लाख टन डीएपी उपलब्ध कराने के लिये प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

By भाषा | Updated: October 6, 2021 21:05 IST

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जयपुर, छह अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केन्द्र सरकार की ओर से 15 अक्टूबर तक न्यूनतम 2.50 लाख टन डीएपी राजस्थान को उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के किसानों को फसल बुवाई के लिए डीएपी समय पर उपलब्ध कराया जा सकेगा।

गहलोत ने प्रधानमंत्री से इस संबंध में केन्द्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री को निर्देश देने का भी आग्रह किया।

गहलोत ने पत्र में लिखा कि भारत सरकार द्वारा राजस्थान के लिए खरीफ-2021 (1 अप्रैल से 30 सितंबर 2021) के लिए 4.50 लाख टन डीएपी स्वीकृत किया गया था, लेकिन इस अवधि में प्रतिमाह प्राप्त आवंटन के अनुसार कुल 4.35 लाख टन डीएपी ही आवंटित किया गया, जो स्वीकृत मांग से 15 हजार टन कम है।

एक सरकारी बयान में उन्होंने कहा कि आवंटित 4.35 लाख टन में से भी मात्र 3.07 लाख टन की ही आपूर्ति राजस्थान को की गई। ऐसे में खरीफ-2021 की स्वीकृत मात्रा के विरूद्ध केन्द्र की ओर से 1.28 लाख टन की आपूर्ति कम हुई।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि माह अक्टूबर, 2021 के लिए भारत सरकार द्वारा 1.50 लाख टन की मांग स्वीकृत की गई थी, लेकिन माहवार आवंटन में मात्र 67 हजार 890 टन डीएपी ही आवंटित किया गया है।

इस प्रकार खरीफ-2021 में मांग के विरुद्ध 1.28 लाख टन कम आपूर्ति तथा अक्टूबर माह में 82 हजार टन की कमी को मिलाकर कुल 2.10 लाख टन डीएपी की कमी रहेगी।

गहलोत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राजस्थान में रबी 2021-22 (अक्टूबर 2021 से मार्च 2022) में करीब एक करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई होने की सम्भावना है। इसमें से 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों एवं 20 लाख हेक्टेयर में चने की बुवाई सितंबर से शुरू होकर अक्टूबर माह के मध्य तक चलेगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान के पास मात्र 80 हजार टन ही डीएपी उपलब्ध है, जिसकी खपत खरीफ फसलों में हो रही है।

ऐसे में राज्य सरकार के पास किसानों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध नहीं होने से किसानों को फसल उत्पादन में बाधा आएगी।

गहलोत ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा पहले भी विभिन्न स्तरों पर केन्द्र सरकार को लिखे पत्रों के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में उर्वरक समय पर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने तिलहन एवं दलहन फसलों के उत्पादन में डीएपी की आवश्यकता को देखते हुए प्रधानमंत्री से इस संबंध में शीघ्र कदम उठाते हुए केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री को निर्देश देने का अनुरोध किया है, ताकि किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध हो सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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