वित्त वर्ष 2021-22 में खाद्य सब्सिडी 4 लाख करोड़ रुपये से थोड़ी कम होगी: खाद्य सचिव

By भाषा | Updated: December 30, 2021 17:53 IST2021-12-30T17:53:29+5:302021-12-30T17:53:29+5:30

Food subsidy to be slightly less than Rs 4 lakh crore in FY 2021-22: Food Secretary | वित्त वर्ष 2021-22 में खाद्य सब्सिडी 4 लाख करोड़ रुपये से थोड़ी कम होगी: खाद्य सचिव

वित्त वर्ष 2021-22 में खाद्य सब्सिडी 4 लाख करोड़ रुपये से थोड़ी कम होगी: खाद्य सचिव

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर सरकार की खाद्य सब्सिडी वित्त वर्ष 2021-22 में चार लाख करोड़ रुपये से थोड़ी कम रहने की उम्मीद है, जो पिछले वित्त वर्ष में 5.29 लाख करोड़ थी। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

पांडे ने ‘ऑनलाइन’ संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘हम इस साल चार लाख करोड़ रुपये से कम की खाद्य सब्सिडी की उम्मीद कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए लगभग 2.25 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी का अनुमान है और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को लागू करने के लिए अतिरिक्त 1.47 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

एनएफएसए के तहत, केंद्र सरकार वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से 81 करोड़ से अधिक लोगों को 1-3 रुपये प्रति किलो की दर से अत्यधिक सब्सिडी वाला खाद्यान्न देती है।

सब्सिडी वाले खाद्यान्न के अलावा, महामारी के दौरान सरकार पीएमजीकेएवाई के तहत एनएफएसए लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति भी कर रही है। इस योजना को कई बार बढ़ाया जा चुका है और अब यह मार्च 2022 तक जारी रहेगी।

खाद्य मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान, सरकारी खाद्य सब्सिडी 5.29 लाख करोड़ रुपये थी।

सचिव ने यह भी कहा कि वर्ष 2021, कई कारणों से ‘एक असाधारण वर्ष’ था क्योंकि सरकार ने असाधारण प्रयास किए जो महामारी की परिस्थितियों के बीच अपनी प्रकृति में अभूतपूर्व थे।

उन्होंने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने बड़े परिवर्तन किए हैं और इस वर्ष एथनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम में भी 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि एक साल में पेट्रोल के साथ एथनॉल का मिश्रण पांच प्रतिशत से बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गया, जो अब तक का सबसे अधिक स्तर है।

'वन नेशन, वन राशन कार्ड' (ओएनओआरसी) के तहत, 50 करोड़ से अधिक लेनदेन हुए हैं। इसमे खाद्यान्न के माध्यम से 33,000 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी लगी।

सचिव ने कहा कि वर्ष के दौरान, पीएमजीकेएवाई भी एक असाधारण कार्यक्रम रहा है। इसके तहत खाद्यान्न वितरण लगभग 93 प्रतिशत के दायरे में रहा है। इससे देश भर के गरीबों को बहुत आवश्यक मदद मिली है।

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