वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश की आर्थिक समीक्षा, जानें इसकी मुख्य बातें

By मनाली रस्तोगी | Published: January 31, 2023 01:32 PM2023-01-31T13:32:41+5:302023-01-31T14:03:22+5:30

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया।

Finance Minister Nirmala Sitharaman tables the Economic Survey 2022-23 in Parliament | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश की आर्थिक समीक्षा, जानें इसकी मुख्य बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश की आर्थिक समीक्षा, जानें इसकी मुख्य बातें

Highlightsवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।

नई दिल्ली: संसद में मंगलवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2022-23 में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतें बढ़ने से चालू खाते का घाटा (कैड) और बढ़ सकता है। लिहाजा इस पर करीबी नजर रखने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, देश का चालू खाते का घाटा सितंबर, 2022 की तिमाही में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.4 प्रतिशत हो गया। यह अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी का 2.2 प्रतिशत था। 

वित्त वर्ष 2022-23 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया, "काफी हद तक घरेलू मांग बढ़ने और कुछ हद तक निर्यात की वजह से पुनरुद्धार तेजी से हुआ है जिससे चालू खाता संतुलन का जोखिम बढ़ा है। ऐसी स्थिति में चालू खाते का घाटा पर करीबी नजर रखने की जरूरत है क्योंकि चालू वित्त वर्ष की वृद्धि रफ्तार अगले साल तक जा सकती है।" 

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में अबतक आयात में वृद्धि की दर निर्यात की वृद्धि दर के मुकाबले कहीं अधिक रही है। इस वजह से व्यापार घाटा बढ़ गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से संसद में पेश आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, दुनिया की अधिकांश मुद्राओं की तुलना में रुपये का प्रदर्शन बेहतर रहने के बावजूद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा के मूल्य में ह्रास की चुनौती बनी हुई है। 

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से नीतिगत दरों में और बढ़ोतरी होने पर रुपये की कीमत पर दबाव रह सकता है। 

आर्थिक समीक्षा कहती है, "चालू खाते का घाटा आगे भी बढ़ सकता है क्योंकि वैश्विक जिंस कीमतें अधिक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि रफ्तार मजबूत बनी हुई है। निर्यात प्रोत्साहन में आगे और भी गिरावट संभव है क्योंकि वैश्विक वृद्धि एवं व्यापार धीमा पड़ने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वैश्विक बाजार का आकार घट सकता है।" 

दूसरी तरफ आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वैश्विक वृद्धि सुस्त पड़ने से कच्चे तेल के दाम नरम रहने के साथ ही भारत का चालू खाते का घाटा इस समय पेश अनुमान से बेहतर रहेगा। 

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Finance Minister Nirmala Sitharaman tables the Economic Survey 2022-23 in Parliament

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