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एक्सक्लूसिव: बीएसएनएल-एमटीएनएल विलय पर पीएमओ ने लगाया विराम

By हरीश गुप्ता | Updated: September 11, 2019 08:47 IST

2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार BSNL-MTNL के विनिवेश में विफल रही.

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ठळक मुद्देपुनरुद्धार योजना के तहत दोनों कंपनियों को 4जी स्पेक्ट्रम के रूप में 20000 करोड़ का पैकेज दिया जाएगा. सरकार अपने कार्यकारी प्राधिकरण का इस्तेमाल दोनों कंपनियों को 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए करेगी और शुल्क का भी भुगतान करेगी.

सार्वजनिक क्षेत्र की दो बीमार दूरसंचार कंपनियों BSNL और  MTNL के विलय के पांच वर्षों के प्रयास विफल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने अब इस दिशा में पहल छोड़ दी है.

लगातार घाटे के कारण आर्थिक संकट से जूझ रही दोनों कंपनियों को अब पहले पुनर्जीवित किया जाएगा और फिर उनके विनिवेश की प्रकिया शुरू होगी.

पुनरुद्धार योजना के तहत दोनों कंपनियों को 4जी स्पेक्ट्रम के रूप में 20000 करोड़ का पैकेज दिया जाएगा. चौंकाने वाली बात यह कै कि नीलामी का रास्ता अख्तियार किए बना इन दोनों दूरसंचार कंपनियों 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने का निर्णय लेने में सरकार को करीब पांच साल लग गए.

सरकार अपने कार्यकारी प्राधिकरण का इस्तेमाल दोनों कंपनियों को 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए करेगी और शुल्क का भी भुगतान करेगी.

दोनों दूरसंचार कंपनियों को 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटन में देरी के लिए 2012 में एक नौकरशाह की ओर से उठाए गए उस सवाल को जिम्मेदार ठहराया गया है कि इन्हें नीलामी मार्ग के बिना 4 जी स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाए अथवा नहीं, हालांकि कानून विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के 2012 के फैसले के फैसले का हवाला देते हुए बताया था कि प्राकृतिक संसाधनों को नीलामी के जरिए आवंटित करने का फैसला सिर्फ निजी कंपनियों पर लागू होता है.

इसके बावजूद दूरसंचार कंपनियों ने पैर खींच लिए. कोई भी निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं था. 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार दोनों कंपनियों के विनिवेश में विफल रही.

टॅग्स :बीएसएनएलमोदी सरकार
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