Excise Duty 2025: और लगेंगे महंगाई झटके?, पेट्रोल-डीजल होंगे महंगे, सरकार ने बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 7, 2025 15:53 IST2025-04-07T15:35:20+5:302025-04-07T15:53:09+5:30
Excise Duty 2025: इस समय पेट्रोल पर 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क है।

Excise Duty 2025
Excise Duty 2025: और महंगाई झटके लगेंगे? सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2-2 रुपये की बढ़ोतरी की है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग की नवीनतम अधिसूचना के अनुसार यह परिवर्तन 8 अप्रैल, 2025 से लागू होगा। कल से पेट्रोल और डीजल महंगे हो जाएंगे। इस समय पेट्रोल पर 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क है। हर राज्य अलग-अलग हिसाब से वैट और सेस लगाती है।
#Breaking | India increases excise duty by Rs 2/litre on diesel, gasoline
— NDTV Profit (@NDTVProfitIndia) April 7, 2025
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Central Government raises excise duty by Rs 2 each on petrol and diesel: Department of Revenue notification pic.twitter.com/WjOiv1E9ch— ANI (@ANI) April 7, 2025
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बीच सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क दो-दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
हालांकि, इस आदेश में यह नहीं बताया गया है कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि का पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों पर किस तरह का असर देखने को मिलेगा। इस बीच, उद्योग सूत्रों ने कहा कि उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में बदलाव की संभावना नहीं है।
पिछले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल कीमतों में गिरावट आने से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन अब उत्पाद शुल्क बढ़ जाने से ऐसा होने की संभावना कम हो गई है। भारत ने एक जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था।
इसके साथ ही वह ईंधन कंपनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया था। उस समय पेट्रोल और विमानन ईंधन पर छह रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था। घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन का अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था।
दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े इन कर दरों की समीक्षा की जाती थी। हालांकि, 30 महीने बाद पिछले साल दिसंबर में इस कर को समाप्त कर दिया गया था। सरकार ने दिसंबर 2024 में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट के बाद घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल और जेट ईंधन (एटीएफ), डीजल और पेट्रोल के निर्यात पर पुराने अप्रत्याशित लाभ कर को भी समाप्त कर दिया था।