2,000 रुपये के नोट की वापसी पर बोले पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार- इससे समाज के आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा
By मनाली रस्तोगी | Published: May 20, 2023 07:51 PM2023-05-20T19:51:30+5:302023-05-20T19:53:32+5:30
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने शनिवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2,000 रुपये के नोट के चलन को वापस लेने से समाज के आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
लंदन: पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने शनिवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 2,000 रुपये के नोट के चलन को वापस लेने से समाज के आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सुब्रमण्यन के मुताबिक, 2000 के नोट आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल नहीं होते और इसकी नकदी सिर्फ 10 फीसदी ही चलन में है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर आम लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन करते हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सुब्रमण्यन ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, "जब एक आम आदमी कुछ खरीदने के लिए बाहर आता है, उदाहरण के लिए एक चाय वाले से चाय मंगवाने के लिए। ऐसा करते हुए चायवाले को अपनी जेब या किटी में पैसे खोजने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी और ग्राहक तुरंत पेटीएम और फोनपे से लेनदेन कर सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसी तरह सुबह चायवाले को दूध देने वाला जब शाम को वह पैसा लेने आता है, तो दोनों पक्षों को अब इस झंझट से नहीं गुजरना पड़ता। डिजिटल लेनदेन के कारण उन्हें इससे नहीं गुजरना पड़ेगा। इससे आम लोगों को आसानी हुई है। इससे कई मुश्किलें कम होंगी। डिजिटल मनी का इस्तेमाल देश के हर हिस्से में हो रहा है और आगे चलकर यह बढ़ेगा।"
सुब्रमण्यन ने कहा कि बीसीजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक का लेन-देन डिजिटल रूप से होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी लेनदेन का 65 प्रतिशत, या मूल्य के संदर्भ में प्रत्येक तीन लेनदेन में से दो, 2026 तक डिजिटल होने की उम्मीद है। आम आदमी द्वारा किया जाने वाला डिजिटल लेन-देन आगे चलकर और बढ़ेगा। इसलिए मुझे लगता है कि 2000 के नोट का असर समाज के आम लोगों पर नहीं पड़ेगा।