Electoral Bonds Data: बजाज फाइनेंस, पीरामल एंटरप्राइजेज, मुथूट फाइनेंस और एडलवाइस ग्रुप ने 87 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे, देखें लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 15, 2024 02:55 PM2024-03-15T14:55:34+5:302024-03-15T14:56:24+5:30
Electoral Bonds Data: चुनाव आयोग द्वारा बृहस्पतिवार शाम को प्रकाशित विवरण के अनुसार, इसके बाद एडलवाइस समूह की तीन संस्थाओं ने चार करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे, जबकि बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
Electoral Bonds Data: बजाज फाइनेंस, पीरामल एंटरप्राइजेज और एडलवाइस ग्रुप जैसी वित्तीय सेवा कंपनियों ने मिलकर एक अप्रैल, 2019 और जनवरी 2024 के बीच 87 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे। पीरामल एंटरप्राइजेज, पीएचएल फिनवेस्ट प्राइवेट लिमिटेड और पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस ने इस अवधि के दौरान 60 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे। चुनाव आयोग द्वारा बृहस्पतिवार शाम को प्रकाशित विवरण के अनुसार, इसके बाद एडलवाइस समूह की तीन संस्थाओं ने चार करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे, जबकि बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
स्वर्ण पर कर्ज देने वाली वित्तीय कंपनी मुथूट फाइनेंस ने इस अवधि के दौरान तीन करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे। हालांकि, प्राप्तकर्ता राजनीतिक दलों के नामों का खुलासा नहीं किया गया। संपर्क करने पर इन कंपनियों ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार शाम को चुनाव आयोग को उन संस्थाओं का विवरण सौंपा, जिन्होंने अब समाप्त हो चुके चुनावी बॉण्ड खरीदे थे और राजनीतिक दलों ने उन्हें प्राप्त किया था। एसबीआई ने 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 30 किश्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड जारी किए हैं।
रिलायंस से जुड़ी क्विक सप्लाई तीसरी सबसे बड़ी चुनावी बॉण्ड खरीदार
क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड चुनावी बॉण्ड का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों को दान करने वाली तीसरी सबसे बड़ी दानकर्ता थी। क्विक सप्लाई नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीएकेसी) में पंजीकृत पते वाली और रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़ी एक कम प्रसिद्ध कंपनी है। इसने वित्त वर्ष 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे।
हालांकि, रिलायंस ने कहा कि यह कंपनी रिलायंस की किसी भी इकाई की अनुषंगी कंपनी नहीं है। चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर अपलोड की गई जानकारी के अनुसार, क्विक सप्लाई द्वारा चुनावी बॉण्ड की खरीद और दान के पीछे एक अन्य कम प्रसिद्ध लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज (1,368 करोड़ रुपये) और हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा (966 करोड़ रुपये) का हाथ था।
सार्वजनिक रूप से प्राप्त जानकारी में क्विक सप्लाई को गोदामों और भंडारण इकाइयों का निर्माता बताया गया है। गैर-सूचीबद्ध निजी कंपनी को नौ नवंबर 2000 को 130.99 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ शामिल किया गया था। इसकी चुकता पूंजी 129.99 करोड़ रुपये है। अप्रैल, 2022 से मार्च, 2023 में कंपनी का राजस्व 500 करोड़ रुपये से अधिक था। हालांकि मुनाफे का आंकड़ा ज्ञात नहीं है।