पिछले वित्त वर्ष में सुस्त रही अर्थव्यवस्था, CSO ने विकास दर का पूर्वानुमान 7.2 से घटाया
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 4, 2019 08:43 AM2019-05-04T08:43:37+5:302019-05-04T08:54:57+5:30
वित्त मंत्रालय ने मार्च के लिए जारी अपनी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक ने आर्थिक विकास को गति देने की कोशिश की है.
स्थायी निवेश की धीमी रफ्तार, सुस्त निर्यात और कम घरेलू उपभोग के कारण पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के सुस्त पड़ने के संकेत मिल रहे हैं. वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह स्वीकार किया गया है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने फरवरी में वित्त वर्ष 2018-19 की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया था. यह आर्थिक विकास दर पिछले पांच साल की सबसे धीमी दर है. वित्त मंत्रालय ने मार्च के लिए जारी अपनी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक ने आर्थिक विकास को गति देने की कोशिश की है.
मंत्रालय ने कहा, ''ऐसा लगता है कि 2018-19 में देश की आर्थिक वृद्धि दर सुस्त पड़ी है.'' हालांकि उसके मुताबिक, भारत अभी भी सबसे तेज गति से वृद्धि करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है. मंत्रालय ने कहा कि कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर बदलने की जरूरत है. मंत्रालय ने कहा है कि राजकोषीय घाटा केंद्र सरकार के लक्ष्य के नजदीक आ रहा है.
पिछले वित्त वर्ष में नरम महंगाई के कारण रिजर्व बैंक के समक्ष मौद्रिक नीति आसान करने का विकल्प उपस्थित हुआ.