अर्थशास्त्रियों ने मोदी से कहा निजीकरण में तेजी लाएं, ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाएं

By भाषा | Updated: January 8, 2021 23:06 IST2021-01-08T23:06:03+5:302021-01-08T23:06:03+5:30

Economists told Modi to accelerate privatization, increase spending on infrastructure projects | अर्थशास्त्रियों ने मोदी से कहा निजीकरण में तेजी लाएं, ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाएं

अर्थशास्त्रियों ने मोदी से कहा निजीकरण में तेजी लाएं, ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाएं

नयी दिल्ली, आठ जनवरी जाने-माने अर्थशास्त्रियों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को पूरी सक्रियता के साथ आगे बढ़ाने और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने का आग्रह किया।

उन्होंने देश में निवेशकों का विश्वास बनाये रखने के लिये अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालतों के फैसलों को सरकार द्वारा चुनौती दिये जाने से भी बचने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बजट पूर्व बैठक में अर्थशास्त्रियों ने यह भी कहा कि सरकार को 2021- 22 के आगामी बजट में राजकोषीय घाटे के प्रति उदार रुख अपनाना चाहिये। इस समय कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान के लिये खर्च बढ़ाना जरूरी है।

सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भाग लेने वालों ने सरकार से निर्यात बढ़ाने और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने वाली नीतियों को अपनाने का आग्रह किया। उनका कहना था कि विभिन्न क्षेत्रों में कई तरह के ढांचागत सुधारों के बावजूद बड़ी मात्रा में निवेश नहीं आ पाया है।

बैठक में उपस्थित एक सूत्र ने कहा, ‘‘निवेशकों का विश्वास बढ़ाने की जरूरत है। सरकार को हर चीज (अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालतों के फैसलों जैसे) को चुनौती देने से बचना चाहिये। यह काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई तरह के सुधार उपाय किये जाने के बावजूद निवेशक अभी भी भारत में निवेश करने से हिचकते हैं। ’’

बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने देश की जीडीपी के समक्ष कर के औसत को को बढ़ाये जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह औसत 2008 से कम हो रहा है। सरकार को आयात शुल्क को तर्कसंगत बनाने और बैंकों के पुनिर्पूंजीकरण पर ध्यान देना चाहिये।

कुछ वक्ताओं ने जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण और संपत्तियों की बिक्री के लिये अलग मंत्रालय बनाने का भी सुझाव दिया।

बैठक में अरविंद पनगढ़िया, के वी कामत, राकेश मोहन, शंकर आचार्य, शेखर शाह, अरविंद विरमानी और अशोक लाहिड़ी जैसे प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ ही अन्य लोग भी शामिल थे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, योजना राज्यमंत्री इंद्रजीत सिंह, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और नीति आयोग के सीईओ अमिताथ कांत भी बैठक में उपस्थित थे।

यह बैठक एक फरवरी को पेश होने वाले 2021- 22 के आम बजट से पहले हो रही है। इस लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण बैठक है। इसमें दिये गये सुझावों को आगामी बजट में शामिल किया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि कुछ अर्थशास्त्रियों ने निर्यात प्रोत्साहनों पर ध्यान देने का सुझाव दिया। उनका कहना था कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये यह जरूरी है। ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिये ठोस कदम उठाये जाने पर जोर दिया।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बृहस्पतिवार को जारी अनुमान के मुताबिक मार्च में समाप्त होने जा रहे चाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीउीपी) में 7.7 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है। कोविड- 19 महामारी के कारण विनिर्माण और सेवा क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Economists told Modi to accelerate privatization, increase spending on infrastructure projects

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे