Economic Survey Budget 2024 Live: 2024-25 में 6.5 से सात प्रतिशत के बीच रहेगा जीडीपी, जानें मुख्य बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 22, 2024 14:01 IST2024-07-22T13:57:10+5:302024-07-22T14:01:48+5:30
Economic Survey Budget 2024 Live: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है।

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Economic Survey Budget 2024 Live: वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 से सात प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। संसद में सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में यह अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
Supreme Court stays governments’ directive asking eateries on Kanwariya Yatra route to put owners' names and issues notices to Uttar Pradesh, Uttarakhand and Madhya Pradesh governments on petitions challenging their directive asking eateries on Kanwariya Yatra route to put… pic.twitter.com/6GQKwY8OK4
— ANI (@ANI) July 22, 2024
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) जैसी वैश्विक एजेंसियों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए दस्तावेज में कहा गया, ‘‘.... समीक्षा में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5 से सात प्रतिशत (दोनों तरह घट-बढ़ के साथ) रहने का अनुमान लगाया गया है।
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि बाजार की अपेक्षाएं उच्च स्तर पर हैं।’’ इसमें कहा गया कि अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू मोर्चे पर वृद्धि को बढ़ावा देने वाले प्रमुख तत्वों ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि का समर्थन किया है। बेहतर बही-खाते से निजी क्षेत्र को मजबूत निवेश मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
समीक्षा में कहा गया , ‘‘ पिछले तीन साल में अच्छी वृद्धि के बाद निजी पूंजी सृजन थोड़ा अधिक सतर्क हो सकता है, क्योंकि अतिरिक्त क्षमता वाले देशों से सस्ते आयात की आशंका है।’’ वहीं आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि की संभावनाओं में सुधार के साथ माल तथा सेवा निर्यात में भी आगे वृद्धि होने की संभावना है। समीक्षा में कहा गया, भारत मौसम विभाग द्वारा सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान तथा दक्षिण-पश्चिम मानसून का अबतक संतोषजनक प्रसार कृषि क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार लाएगा तथा ग्रामीण मांग में सुधार को समर्थन देगा।