ई-वे बिल को जीएसटी परिषद की मंजूरी, एक जून से होगा लागू

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 16, 2017 05:48 PM2017-12-16T17:48:18+5:302017-12-16T17:49:25+5:30

इस विधेयक के पारित होने के बाद देश के एक राज्यों से दूसरे राज्यों के बीच माल ढुलाई में एकरूपता आएगी।

E-Way Bill will be approved by GST Council, from June 2018 | ई-वे बिल को जीएसटी परिषद की मंजूरी, एक जून से होगा लागू

ई-वे बिल को जीएसटी परिषद की मंजूरी, एक जून से होगा लागू

सामानों के एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच निर्बाध ढुलाई के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने एक फरवरी से ई-वे बिल के प्रारंभिक कार्यान्वयन को शनिवार को मंजूरी दे दी। जबकि अगले साल जून से यह अनिवार्य रूप से देश भर में लागू हो जाएगा। जीएसटी परिषद की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई 24वीं बैठक के बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से यहां जारी एक बयान में कहा गया है, "माल की अंतर्राज्यीय आवाजाही के लिए अनिवार्य ई-वे बिल प्रणाली को एक फरवरी, 2018 से देश भर में लागू करने के लिए अधिसूचित किया गया है। इससे राज्यों के बीच माल ढुलाई बाधारहित होगी तथा उसमें एकरूपता आएगी।"

बयान में कहा गया है, "वहीं, अंतर्राज्यीय और राज्यांतरिक माल ढुलाई के लिए ई-वे बिल देश भर में समान रूप से एक जून, 2018 से अनिवार्य रूप से लागू हो जाएगा।" ई-वे बिल की जरूरत 50,000 रुपये से अधिक कीमत के माल की ढुलाई के लिए होगी। देशव्यापी ई-वे बिल प्रणाली परीक्षण के आधार पर 16 जनवरी, 2018 से लागू करने के लिए तैयार हो जाएगी। व्यापारी और ट्रांसपोटर्स स्वैच्छिक आधार पर 16 जनवरी, 2018 से इस प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।

बयान में स्पष्ट किया गया है, "हालांकि अंतर्राज्यीय और राज्यांतरिक दोनों ही ई-वे बिल प्रणाली 16 जनवरी, 2018 से तैयार हो जाएगी, लेकिन राज्यों को एक जून, 2018 से पहले इसे अपने हिसाब से लागू करने की छूट दी गई है। लेकिन एक जून, 2018 के बाद इसे अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।" बयान में कहा गया है कि कुछ राज्य ऐसे हैं, जो अंतर्राज्यीय और राज्यांतरिक दोनों ही माल ढुलाई में राष्ट्रीय ई-वे बिल को शुरुआती स्तर पर लागू कर रहे हैं। 

जब तक राष्ट्रीय ई-वे बिल तैयार होता है, राज्यों को अपने अलग ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने के लिए अधिकृत किया गया है। जीएसटी के तहत संग्रहित कुल राजस्व अक्टूबर में 10 फीसदी घटकर 83,346 करोड़ रुपये रहा था, जबकि सितंबर में यह 92,000 करोड़ रुपये था। इसलिए सरकार का मानना है कि जीएसटी के प्रमुख फीचर्स जैसे रिटर्न्‍स का मिलान, ई-वे बिल साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को स्थगित कर दिया गया था, जिससे कर अनुपालन सही तरीके से नहीं हो रहा है।

- आईएएनएस

Web Title: E-Way Bill will be approved by GST Council, from June 2018

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