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बेहतर बिक्री रणनीति में कम ईंधन खपत वाले वाहनों का विकास महत्वपूर्ण: मारुति सुजुकी

By भाषा | Updated: September 21, 2021 18:08 IST

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नयी दिल्ली, 21 सितंबर मारुति सुजुकी इंडिया कम ईंधन खपत वाली कारों के डिजाइन और उसे पेश करना जारी रखेगी क्योंकि यह ग्राहकों के लिये वाहन खरीद निर्णय के समय महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह कहा।

कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी तीन दशक से ईंधन के लिहाज से सबसे दक्ष वाहन पेश कर रही है। उसने इस अवसर पर ‘काम से काम बनेगा’ अभियान शुरू किया है। कंपनी का कहना है कि वाहनों के प्रदर्शन से समझौता किये बिना दक्षता का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।

मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यपालक निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने अपने आंतरिक अध्ययन में पाया कि जब ईंधन के दाम कम थे, तो भी ईंधन दक्षता एक महत्वपूर्ण खरीद मानदंड बना हुआ है। अब जब पेट्रोल-डीजल के दाम में काफी वृद्धि हुई है, यह अब और महत्वपूर्ण बन गया है।’’

उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतें हाल-फिलहाल कम होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में ग्राहक वैसे वाहन पसंद करेंगे, जो कम ईंधन में अधिक चले यानी ईंधन खपत के मामले में अधिक कुशल हो।’’

श्रीवास्तव ने कहा कि कंपनियों के लिये कड़े नियमों का पालन करने को लेकर ईंधन दक्ष कारों का विकास भी महत्वपूर्ण है। नये कड़े नियम अगले साल से लागू होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘कॉरपोरेट औसत ईंधन अर्थव्यवस्था (सीएएफई) नियमों का दूसरा चरण 2022 में और तीसरा चरण 2027 में लागू होगा। इसीलिए, प्रत्येक कंपनियों को अपनी कारों की ईंधन दक्षता में सुधार लाने होंगे। हम फिलहाल इस मामले में संतोषजनक स्थिति में हैं।’’

सीएएफई नियम बीएस (भारत चरण)-6 उत्सर्जन नियमन से जुड़े हैं और सरकार के वाहनों से कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों का हिस्सा है।

पहले चरण (2017-22) में सीएएफई नियमों के तहत औसत कॉरपोरेट सीओ2 (कार्बन डाईआक्साइड) उत्सर्जन को 130 ग्राम प्रति किलोमीट से कम के स्तर पर लाना है। दूसरे चरण में (2022 के बाद) उत्सर्जन को 113 ग्राम प्रति किलोमीटर से कम के स्तर पर लाना है।

श्रीवास्तव ने कहा कि स्मार्ट हाइब्रिड (पेट्रोल और बिजली से चलने वाल), एस-सीएनजी, के-श्रृंखला वाले इंजन और हर्टटेक्ट मंच आदि जैसे विभिन्न तकनीकी नवप्रवर्तन से पिछले दशक में मारुति अपने कुछ मॉडल में ईंधन दक्षता के आंकड़ों में 30 प्रतिशत तक सुधार करने में सक्षम रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘आगे भी हमारा ध्यान वाहनों के प्रदर्शन से समझौता किए बिना ईंधन दक्षता हासिल करने पर रहेगा। वास्तव में, पिछले कुछ वर्षों में हमारे वाहनों का प्रदर्शन बेहतर हुआ है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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