दिल्ली जल बोर्ड ने उच्च न्यायालय से कहा, बही-खातों का ऑडिट सुनिश्चित करने के प्रयास जारी
By भाषा | Updated: October 4, 2021 22:22 IST2021-10-04T22:22:50+5:302021-10-04T22:22:50+5:30

दिल्ली जल बोर्ड ने उच्च न्यायालय से कहा, बही-खातों का ऑडिट सुनिश्चित करने के प्रयास जारी
नयी दिल्ली चार अक्टूबर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा वह पारदर्शिता और कानून का अनुपालन को लेकर सभी अंतिम ब्योरे तथा बही-खाते बेहतर तरीके से तैयार होने तथा ऑडिट सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास करता रहा है।
डीजेबी के खातों की नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा ऑडिट करने के निर्देश देने के आग्रह वाली याचिका पर अपना पक्ष रखते हुए जल बॉर्ड ने कहा कि यह याचिका राजनीतिक रूप से प्रेरित है और उस पर लगाए आरोप झूठे और बेबुनियाद है।
वही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने भी उच्च न्यायालय से कहा कि उसकी ओर से कोई लापरवाही नहीं की गई है क्योंकि ऑडिट के लिए कोई लेखा-जोखा उपलब्ध ही नहीं कराया गया था।
कैग ने कहा, "हमने डीजेबी और दिल्ली सरकार से ऑडिट के लिए कई बार बही-खतों की मांग की लेकिन ऑडिट के लिए जरुरी खातों को दिया ही नहीं गया। इसी के कारण ऑडिट पूरा नहीं हो सका।"
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली के नेता हरीश खुराना की याचिका पर डीजेबी और सीएजी ने न्यायालय को अपना-अपना जवाब दिया है।
खुराना ने जल बोर्ड के बही-खातों की 2015 से जांच का निर्देश देने के आग्रह को लेकर एक याचिका दायर की थी।
वही डीजेबी का कहना है कि उसके सभी खाते बही-खातों की दोहरी-एंट्री सिस्टम पर बनाए जा रहे हैं और सभी खातों को दिल्ली जल बोर्ड अधिनियम और अन्य प्रासंगिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार नियमित रूप से बनाए रखा जाता है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिये 29 नवंबर की तारीख तय की।
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