Deepfakes: ‘डीपफेक’ और एआई को लेकर चिंता, सरकार ने सभी सोशल मीडिया मंचों से आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 26, 2023 08:01 PM2023-12-26T20:01:27+5:302023-12-26T20:16:50+5:30
Deepfakes: डिजिटल और सोशल मीडिया मंच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत निर्दिष्ट निषिद्ध सामग्री के बारे में प्रयोगकर्ताओं तक स्पष्ट और सटीक रूप से सूचना दें।
Deepfakes: वीडियो में छेड़छाड़ से संबंधित ‘डीपफेक’ और कृत्रिम मेधा (एआई) के जरिये गलत सूचना के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करने के लिए सभी ऑनलाइन मंचों को सलाह जारी की है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस परामर्श में कहा गया है कि मध्यस्थ के रूप में काम करने वाले डिजिटल और सोशल मीडिया मंच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत निर्दिष्ट निषिद्ध सामग्री के बारे में प्रयोगकर्ताओं तक स्पष्ट और सटीक रूप से सूचना दें।
Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) has issued an advisory to all intermediaries, ensuring compliance with the existing IT rules. The directive specifically targets the growing concerns around misinformation powered by AI – Deepfakes.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2023
"Misinformation… pic.twitter.com/YnM06eXF7T
बयान के मुताबिक, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मौजूदा आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी मध्यस्थ कंपनियों को एक सलाह जारी की है।’’ यह सलाह आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा मध्यस्थों के साथ की गई चर्चा का परिणाम है। ये निर्देश खास तौर पर एआई और डीपफेक की मदद से गलत सूचना के प्रसार को लेकर बढ़ती चिंताओं से संबंधित हैं।
मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि आईटी नियमों के तहत ऐसी सामग्री के बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट एवं सटीक ढंग से सूचित किया जाना चाहिए, जिनकी अनुमति नहीं है। उपयोगकर्ता के पहली बार पंजीकरण करने के समय भी इसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए।
परामर्श के मुताबिक, डिजिटल मंचों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी अधिनियम, 2000 जैसे दंडात्मक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाए। इसके साथ ऑनलाइन मंचों के उपयोग की सेवा शर्तों और उपयोगकर्ता समझौतों में स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए कि प्रासंगिक भारतीय कानूनों के तहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कानूनी उल्लंघनों की जानकारी देना मध्यस्थों/ मंचों का दायित्व है।
ऑनलाइन मंचों का यह दायित्व होगा कि वे उपयोगकर्ताओं को डिजिटल मध्यस्थों पर निषिद्ध सामग्री से संबंधित किसी भी सूचना को होस्ट करने, प्रदर्शित करने, अपलोड करने, संशोधित करने, प्रकाशित करने, प्रसारित करने, संग्रहीत करने, अपडेट करने या साझा करने से रोकने के लिए उचित प्रयास करें। डीपफेक का आशय इंटरटेनट पर उपलब्ध सामग्री में छेड़छाड़ कर उसे गलत ढंग से पेश करना है।
इसमें कृत्रिम मेधा के जरिये किसी भी व्यक्ति को गलत ढंग से पेश करने या उसका प्रतिरूपण करने के लिए डिजिटल हेराफेरी की जाती है। हाल ही में कुछ फिल्मी हस्तियों को डीपफेक की मदद से निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इससे फैली सार्वजनिक चिंता को देखते हुए सरकार ने इस संबंध में सलाह जारी की है।