जेट एयरवेज के बाद अब इंडिगो में संकट, इस वजह से प्रमोटरों में मची खींचतान
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 17, 2019 08:14 AM2019-05-17T08:14:17+5:302019-05-17T08:14:17+5:30
दोनों प्रमोटरों के बीच उस समय मतभेद हुए जबकि भाटिया को लगा कि गंगवाल एयरलाइन में अपनी टीम बढ़ा रहे हैं, ताकि कंपनी पर उनका वर्चस्व ज्यादा हो सके.
जेट एयरवेज के बंद होने के बाद अब देश की सबसे सफल और फायदेमंद एयरलाइन इंडिगो के दो प्रमोटरों एवं सह-संस्थापकों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल के बीच मतभेद सामने आए हैं. व्यवसाय का विस्तार करने और कंपनी में ज्यादा दबदबे के मुद्दे पर दोनों के बीच मतभेद हुए हैं. अब दोनों ने विवाद को सुलझाने के लिए लॉ फर्म का सहारा लिया है. सूत्रों के अनुसार, दोनों प्रमोटरों के बीच उस समय मतभेद हुए जबकि भाटिया को लगा कि गंगवाल एयरलाइन में अपनी टीम बढ़ा रहे हैं, ताकि कंपनी पर उनका वर्चस्व ज्यादा हो सके.
गंगवाल एक अमेरिकी नागरिक और नॉन-एग्जिक्यूटिव निदेशक हैं. उनके पास विमानन उद्योग में 30 वर्ष से ज्यादा का अनुभव है. वे पूर्व में अमेरिका की यूनाइटेड एयरलाइंस और यूएस एयर में शीर्ष पदों पर काम कर चुके हैं. उनका एयरलाइन में तकरीबन 37 प्रतिशत हिस्सा है. इंडिगो में भाटिया की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत है. सस्ते दाम में हवाई सफर मुहैया कराने वाली इंडिगो अब इंटरनेशनल मार्केट में आने की योजना बना रही है.
गंगवाल को लगता है कि व्यवसाय का विस्तार करते समय आक्रामक रणनीति अपनाई जानी चाहिए, जबकि भाटिया का मानना है कि आगामी खतरों को ध्यान में रखते हुए सावधानी से आगे बढ़ा जाना चाहिए. भाटिया और गंगवाल ने क्रमश: जेएसए लॉ और खेतान एंड कंपनी लॉ फर्म हायर की हैं. घरेलू विमान यात्री सेवा बाजार में इंडिगो की करीब 44 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
सीईओ बोले- रणनीति अब भी वही
इंडिगो के सीईओ रोनोजोय दत्ता ने कर्मचारियों को लिखे एक ई-मेल में कहा है कि वृद्धि को लेकर हमारी रणनीति अब भी अपरिवर्तित है. कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए इंडिगो के प्रबंधकों को कंपनी के निदेशक मंडल का पूरा समर्थन है.