2020-21 में MSMEs ने नहीं चुकाया 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज, NPA बढ़कर 1,65,732 करोड़ रुपये पहुंचा

By विशाल कुमार | Published: March 12, 2022 07:22 AM2022-03-12T07:22:50+5:302022-03-12T07:29:21+5:30

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के एनपीए में यह बढ़ोतरी आरबीआई द्वारा जनवरी 2019, फरवरी 2020, अगस्त 2020 और मई 2021 में एमएसएमई के लिए चार ऋण पुनर्गठन योजनाओं की घोषणा के बाद भी हुई है।

covid-lockdown-hit-msmes-hardest-their-bad-loans-spiked 20k crore rbi rti | 2020-21 में MSMEs ने नहीं चुकाया 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज, NPA बढ़कर 1,65,732 करोड़ रुपये पहुंचा

2020-21 में MSMEs ने नहीं चुकाया 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज, NPA बढ़कर 1,65,732 करोड़ रुपये पहुंचा

Highlightsएमएसएमई का एनपीए सितंबर 2021 तक बढ़कर 1,65,732 करोड़ रुपये हो गया।एमएसएमई का एनपीए सितंबर 2020 में 1,45,673 करोड़ रुपये था।सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एमएसएमई एनपीए में 1,37,087 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा है। 

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) या इन उद्यमों द्वारा न चुकाए गए कर्ज सितंबर 2021 तक 20,000 करोड़ रुपये बढ़ गए।

इंडियन एक्सप्रेस को आरटीआई के तहत हासिल जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि एमएसएमई का एनपीए सितंबर 2021 तक 20,000 करोड़ रुपये बढ़कर 1,65,732 करोड़ रुपये हो गए, जो सितंबर 2020 में 1,45,673 करोड़ रुपये थे।

आरबीआई के अनुसार, एमएसएमई का एनपीए अब सितंबर, 2020 में 8.2 प्रतिशत के मुकाबले 17.33 लाख करोड़ रुपये के सकल अग्रिम का 9.6 फीसदी है। वास्तव में, एमएसएमई का एनपीए सितंबर, 2019 में 1,47,260 करोड़ रुपये से कम हो गए थे।

आरबीआई का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एमएसएमई एनपीए में 1,37,087 करोड़ रुपये का बड़ा हिस्सा है। 

वहीं, सरकारी बैंकों में, पीएनबी के पास सितंबर 2021 तक 25,893 करोड़ रुपये का एमएसएमई एनपीए था, इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक 24,394 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक 22,297 करोड़ रुपये और केनरा बैंक 15,299 करोड़ रुपये था।

बता दें कि, कोई कर्ज तब एनपीए में बदल जाता है जब मूलधन या ब्याज 90 दिनों के बाद भी नहीं चुकाया जाता है।

एमएसएमई के एनपीए में यह बढ़ोतरी आरबीआई द्वारा जनवरी 2019, फरवरी 2020, अगस्त 2020 और मई 2021 में एमएसएमई के लिए चार ऋण पुनर्गठन योजनाओं की घोषणा के बाद भी हुई है।

इन योजनाओं के तहत 1,16,332 करोड़ रुपये के 24.51 लाख एमएसएमई खातों के ऋणों का पुनर्गठन किया गया।

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