न्यायालय ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए जनहित याचिका पर केंद्र, 11 राज्यों से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: August 4, 2021 16:29 IST2021-08-04T16:29:42+5:302021-08-04T16:29:42+5:30

Court seeks response from Centre, 11 states on PIL for payment of arrears of sugarcane farmers | न्यायालय ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए जनहित याचिका पर केंद्र, 11 राज्यों से जवाब मांगा

न्यायालय ने गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए जनहित याचिका पर केंद्र, 11 राज्यों से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, चार अगस्त उच्चतम न्यायालय ने गन्ना उत्पादक किसानों के बकाये के भुगतान को लेकर एक पूर्व सांसद की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र समेत 11 गन्ना उत्पादक राज्यों से जवाब मांगा।

जनहित याचिका में चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति के 14 दिन के भीतर किसानों को बकाये का भुगतान करने के लिए एक व्यवस्था बनाने का आग्रह किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण और न्यानमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने महाराष्ट्र के पूर्व लोकसभा सांसद राजू अन्ना शेट्टी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर की दलीलों पर गौर किया।

वकील ने कहा कि गन्ना आपूर्तिकर्ताओं को देश भर में आपूर्ति के 14 दिनों के भीतर उनके बकाया का भुगतान किया जाना चाहिए, जैसा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश में भी यह बात कही गयी है।

पीठ ने ग्रोवर की दलीलें सुनने के बाद कहा, "नोटिस जारी करें। इसे तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करें।"

ग्रोवर ने उन राज्यों की ओर ध्यान दिलाया जो किसानों को भुगतान करने में बुरी तरह चूक करते रहे हैं।

वरिष्ठ वकील ने आरोप लगाया कि चीनी मिलें धन का दूसरे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। वे किसानों को भुगतान नहीं कर रही हैं और इसलिए किसानों के बकाया की वसूली के लिए उनका चीनी का भंडार जब्त कर लेना चाहिए।

उत्तर प्रदेश गन्ना आपूर्ति अधिनियम के अनुसार, गन्ना उत्पादकों को 14 दिनों के भीतर उनकी बकाया राशि और निर्धारित समय अवधि के भीतर बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर ब्याज का भुगतान करना अनिवार्य है।

उच्चतम न्यायलय ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु को भी नोटिस जारी किया।

उसने चार गन्ना खरीद कंपनियों से भी जवाब मांगा जिनमें बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड, इंडियन शुगरमिल्स एसोसिएशन, केन एग्रो एनर्जी (इंडिया) लिमिटेड और इंडियन सुक्रोज लिमिटेड हैं।

शेट्टी ने अपनी जनहित याचिका में इस तरह की बकाया राशि को बढ़ते जाने से रोकने और किसानों को दुष्चक्र में फंसने से बचाने के लिए गन्ने की फसल की कीमत के भुगतान के लिए एक व्यवस्था स्थापित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

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Web Title: Court seeks response from Centre, 11 states on PIL for payment of arrears of sugarcane farmers

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