चीन अभी भी कारोबार में भारत का सबसे बड़ा भागीदार, दवाओं के लिए कच्चे माल का आयात 2020 में अबाधित जारी 

By हरीश गुप्ता | Published: March 19, 2021 01:52 PM2021-03-19T13:52:04+5:302021-03-19T14:35:06+5:30

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच पिछले साल द्विपक्षीय कारोबार 77.7 अरब डॉलर का रहा तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भी दवाओं के लिए कच्चे माल के चीन से आयात में कोई गिरावट नहीं देखी गई.

China still India's largest partner business raw material imports for drugs continue uninterrupted in 2020 | चीन अभी भी कारोबार में भारत का सबसे बड़ा भागीदार, दवाओं के लिए कच्चे माल का आयात 2020 में अबाधित जारी 

भारत की आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके.

Highlights चीन ने वर्ष 2020 में भारत को दवाओं के लिए जरूरी कच्चे माल का 72.15% आयात किया.2018 में 66.53% और 2019 में 72.40% था.मंजिल अभी दूर है स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक तीन योजनाएं लांच की गई है.

नई दिल्लीः सीमा पर तनाव के बावजूद चीन कारोबार में दोबारा भारत का सबसे बड़ा भागीदार बनकर उभरा है. वर्ष 2020 में वहीं से दवाओं के लिए सबसे ज्यादा कच्चा माल भारत भेजा गया.

वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच पिछले साल द्विपक्षीय कारोबार 77.7 अरब डॉलर का रहा तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भी दवाओं के लिए कच्चे माल के चीन से आयात में कोई गिरावट नहीं देखी गई. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक चीन ने वर्ष 2020 में भारत को दवाओं के लिए जरूरी कच्चे माल का 72.15% आयात किया जो कि 2018 में 66.53% और 2019 में 72.40% था.

मंजिल अभी दूर है स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक तीन योजनाएं लांच की गई है. इनका मकसद बेहद अनिवार्य 'मुख्य शुरूआती सामग्री/दवा बनाने में काम आने वाली मध्यवर्ती सामग्री/सक्रिय दवा घटक (एपीआई)' के निर्माण को प्रोत्साहित करना है ताकि भारत की आयात पर निर्भरता को कम किया जा सके.

यह और बात है कि भरपूर प्रयासों के बाद भी राज्यसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि इस मामले में मंजिल अभी बहुत दूर है. सबसे ज्यादा कोरोना वायरस को दुनियाभर में फैलाने के दोषी चीन पर भारत और दुनिया के अन्य देशों ने आयात के लिए अनेक प्रतिबंध और सुरक्षा उपाय लादे हैं.

फिर भी संसद में पेश आंकड़े बताते हैं कि भारत में चीन से होने वाला कुल आयात अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात से मिलाकर होने वाले कुल आयात से भी ज्यादा है. 92 कार्यालय वाणिज्य मंत्रालय ने बताया है कि चीनी कंपनियों ने स्वीकृति हासिल करने के बाद भारत में कारोबार के लिए 92 कार्यालय बनाए हैं.

आज की तारीख में इनमें से 80 कंपनियां सक्रिय हैं. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रिजर्व बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारत में चीनी कंपनियों द्वारा 2474 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) किए गए हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि भारतीय सीमा से सटे देश और वहां के निवेशक सरकार की अनुमति के बाद ही भारत में निवेश कर सकते हैं.

Web Title: China still India's largest partner business raw material imports for drugs continue uninterrupted in 2020

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