केन्द्र ने राज्यों से दालों की जमाखोरी रोकने को कहा, व्यापारियों, आयातकों, मिलों से ब्यौरा जुटायें

By भाषा | Updated: May 17, 2021 22:41 IST2021-05-17T22:41:15+5:302021-05-17T22:41:15+5:30

Center asks states to stop hoarding of pulses, collect details from traders, importers, mills | केन्द्र ने राज्यों से दालों की जमाखोरी रोकने को कहा, व्यापारियों, आयातकों, मिलों से ब्यौरा जुटायें

केन्द्र ने राज्यों से दालों की जमाखोरी रोकने को कहा, व्यापारियों, आयातकों, मिलों से ब्यौरा जुटायें

नयी दिल्ली, 17 मई केन्द्र सरकार ने दालों के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने की दिशा में कदम उठाते हुये सोमवार को राज्य सरकारों से जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। राज्यों से कहा गया है कि वह सभी आयातकों, व्यापारियों, दाल मिलों और स्टाकिस्टों से उनके पास उपलब्ध स्टॉक की जानकारी देने को कहें।

केन्द्र सरकार ने कहा कि तुर, उड़द और मूंग दाल का इस साल अक्ट्रबर तक बिना रुकावट के आयात की अनुमति दी गई है इससे इन दालों की समय पर बिना अड़चन के उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चने की दाल का खुदरा दाम शुक्रवार को 80 रुपये किलो पर पहुंच गया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 60 रुपये किलो पर था। वहीं तुर का भाव 90 रुपये से बढ़कर 110 रुपये किलो और उड़द दाल 100 रुपये से बढ़कर 105 रुपये किलो हो गई। मसूर दाल का भाव एक साल पहले जहां 72.50 रुपये किलो था वहीं शुक्रवार को यह 80 रुपये किलो पर बोली गई।

राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में उपभोक्ता मामलों के सचिव लीना नंदन ने राज्य सरकारों से दालों के दाम की साप्ताहिक आधार पर समीक्षा करने को कहा। इस दौरान उन्होंने देश में दाल- दलहन की उपलब्धता और उनकी मूल्य स्थिति की भी समीक्षा की।

बैठके परिणाम को लेकर जारी बयान में सरकार ने कहा, ‘‘बैठक में भाग लेने वालों का यह मानना था कि दालों के दाम में अचानक आई तेजी की वजह स्टॉकधारकों द्वारा इसकी जमाखोरी करना हो सकता है।’’

उपभोक्ता मामलों के सचिव ने दालों की जमाखोरी का पता लगाने के लिये राज्य सरकारों से कहा कि वह सभी आयातकों, व्यापारियों, मिलों और स्टॉकधारकों से आवश्यक उपभोक्ता वस्तु अधिनियम के नियमों के तहत दालों का स्टॉक घोषित करने को कहें।

सचिव ने राज्य सरकारों को याद दिलाया कि केन्द्र सरकार ने 14 मई को राज्यों को लिखे पत्र में उनसे इस संबंध में आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून के तहत मिले अधिकारों को इस्तेमाल करने का आग्रह किया था।

बयान में कहा गया है कि राज्यों से दालों के दाम की साप्ताहिक आधार पर समीक्षा करने का भी आग्रह किया गया है। केवल दाल ही नहीं राज्यों से 21 अन्य आवश्यक उपभोक्ता जिंसों के दाम पर भी नजर रखने को कहा गया है। खासतौर से दाल, तिलहन, सब्जी और दूध के दाम पर नजर रखने को कहा गया है ताकि दाम में किसी भी तरह की असाधरण वृद्धि को समय रहते भांप लिया जाये और सही समय पर हस्तक्षेप किया जा सके।

तीन तरह की दालों --तुर (अरहर), उड़द और मूंग-- के मुक्त आयात के मुद्दे पर भी एक अलग बैठक में खाद्य, कृषि और वाणिज्य मंत्रालयों के बीच विचार विमर्श किया गया। बैठक में आयात के दौरान नियामकीय मंजूरियों, सीमा शुल्क मंजूरी के मुद्दे पर भी विचार विमर्श किया गया।

सरकार ने 15 मई को एक अधिसूचना जारी कर तुर, उड़द और मूंग के आयात को तुरंत प्रभाव से अक्टूबर तक के लिये बिना-बाधा के आयात की श्रेणी में डाल दिया।

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Web Title: Center asks states to stop hoarding of pulses, collect details from traders, importers, mills

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